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    चीनी विदेश मंत्री ने रूस के साथ संबंधों के दिए संकेत, कहा- अमेरिका की चीन को रोकने की कोशिश कामयाब नहीं होगी

    By Jagran NewsEdited By: Shalini Kumari
    Updated: Tue, 07 Mar 2023 12:47 PM (IST)

    चीनी विदेश मंत्री किन गैंग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चीन और रूस के घनिष्ठ संबंधों की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने चीन को रोकने की ज ...और पढ़ें

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    चीनी विदेश मंत्री ने अपने और रूस के संबंधों की ओर संकेत किया

    बीजिंग, एजेंसी। चीनी विदेश मंत्री किन गैंग ने मंगलवार को रूस के साथ घनिष्ठ संबंधों का संकेत दिया, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर और यूरो के प्रयोग को कम करना शामिल है। विदेश मंत्री ने यह दावा किया कि चीन को रोकने के लिए अमेरिका के प्रयास सफल नहीं होंगे।

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    चीन के संसद सत्र के दौरान विदेश मंत्री ने अपने पहले वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि चीन अपने मूल हितों की रक्षा करेगा और आधिपत्य, ब्लॉक पॉलिटिक्स और एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध करेगा।

    शीत युद्ध के नजरिये से द्विपक्षीय संबंधों को देखना गलत

    किन ने कहा कि चीन और रूस अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के लिए एक अच्छा उदाहरण स्थापित कर रहे हैं और उनके करीबी द्विपक्षीय संबंधों को शीत युद्ध के नजरिए से देखना गलत था। उन्होंने कहा कि मास्कों के साथ चीन का कोई गठबंधन नहीं, कोई टकराव नहीं हैं।

    एकतरफा प्रतिबंधों के लिए मुद्रा को न बनाएं ट्रंप कार्ड

    चीन-रूस व्यापार में अमेरिकी डॉलर और यूरो के उपयोग को कम करने के बारे में पूछे जाने पर किन ने कहा कि जो भी मुद्रा सुरक्षित और विश्वसनीय है, चीन उसका उपयोग करेगा। उन्होंने कहा, "मुद्रा को एकतरफा प्रतिबंधों के लिए ट्रंप कार्ड के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।"

    रूसी बाजार में युआन ने डॉलर को पीछे छोड़ा

    रूसी मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि चीनी युआन ने पिछले महीने पहली बार रूसी बाजार में सबसे अधिक कारोबार वाली मुद्रा के रूप में अमेरिकी डॉलर को पीछे छोड़ दिया। ट्रेडिंग वॉल्यूम में युआन की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है, जबकि अमेरिकी डॉलर की हिस्सेदारी सिर्फ 38 फीसदी से थोड़ी ज्यादा है।

    यूक्रेन युद्ध पर किन ने कहा कि यूक्रेन संकट संक्षेप में यूरोपीय सुरक्षा शासन में समस्याओं का विस्फोट है। उन्होंने कहा, "यूक्रेन संकट एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है और इसे शांति, तर्क और संवाद की जरूरत है।

    अमेरिका की तीखी आलोचना की

    उन्होंने अमेरिका की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि चीन की प्रगति को रोकने के वाशिंगटन के प्रयास सफल नहीं होंगे। उन्होंने हाल ही में अमेरिकी हवाई क्षेत्र में उड़ रहे एक मानवरहित चीनी गुब्बारे को अमेरिकी लड़ाकू विमान से मार गिराने की घटना का जिक्र भी किया। किन ने अमेरिका पर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने, अतिप्रतिक्रिया करने और उसे मार गिराने में बल का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।

    चीन के प्रति अमेरिका का नजरिया विकृत

    किन ने आगे कहा कि चीन को रोकने और दबाने से अमेरिका महान नहीं बनेगा और वह चीन के कायाकल्प को नहीं रोक पाएगा। चीन के प्रति अमेरिका की धारणा और विचार गंभीर रूप से विकृत हैं। ताइवान पर उन्होंने कहा कि ताइवान के सवाल का समाधान चीनी लोगों का मामला है और किसी अन्य देश को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि अमेरिका यूक्रेन की संप्रभुता और स्वतंत्रता की बात करता है, तो चीन की संप्रभुता का सम्मान क्यों नहीं करता। उन्होंने कहा कि ताइवान चीन का अभिन्न अंग है। ताइवान के सवाल को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा "दोनों देशों के लोग भाई-बहन हैं।"

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