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    चीन पर भारी पड़ रही सरकार की जीरो कोविड नीति, जानें कैसे पहुंचा रही ये देश को नुकसान

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Sun, 21 Aug 2022 09:28 PM (IST)

    चीन में लगातार कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। चीन की जीरो कोविड नीति ने यहां की अर्थव्‍यवस्‍था को पटरी से उतारने का काम किया है। इसकी वजह से कई काम धंधे भी ठप हो गए हैं।

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    चीन की जीरो कोविड पालिसी अर्थव्‍यवस्‍था पर पड़ रही भारी

    बीजिंग (एजेंसी)। चीन कोरोना महामारी की शुरुआत से अब तक इससे पूरी तरह से उबर नहीं सका है। वहीं दूसरी तरफ इस महामारी ने उसकी अर्थव्‍यवस्‍था को भी बेपटरी कर दिया है। इसकी वजह से काम धंधे बंद हो गए हैं और लोगों की आमदनी प्रभावित हुई है। चीन में इसकी वजह से कई छोटी इकाइयां और रियल स्‍टेट सेक्‍टर बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। चीन की अर्थव्‍यवस्‍था के पटरी से उतरने की वजह कोरोना तो है ही साथ ही इसकी एक बड़ी वजह वहां की जीरो कोविड पालिसी भी है। 

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    चीन की जीरो कोविड पालिसी

    जानकारों की राय में चीन पर न सिर्फ कोरोना महामारी का प्रतिकूल असर पड़ा है बल्कि रूस और यूक्रेन युद्ध से भी वो काफी प्रभावित हुआ है। अन्‍य देशों की तुलना में चीन पर इनका असर ज्‍यादा हुआ है। जानकारों की राय में चीन कोरोना महामारी को लेकर बनाई चीन की नीति अब उस पर उलटी साबित हो रही है। दरअसल चीन ने कोरोना से बचाव को जीरो कोविड पालिसी शुरू की हुई है। इस पालिसी की बदौलत देश में कारोबार के अलावा उपभोक्ता गतिविधियां काफी हद तक प्रभावित हुई हैं।

    काम धंधे हुए ठप

    जीरो कोविड नीति की वजह से कई जगहों का काम ठप होने की वजह से काफी पिछड़ गया है। इसकी बदौलत न सिर्फ काम धंधे ठप हुए हैं बल्कि कई छोटी इकाइयां बंद भी हो गई हैं। चीन की इस नीति से देश के लोग भी ऊब चुके हैं और इसकी आलोचना कर रहे हैं। इस नीति में कोरोना का कोई भी मामला सामने आने परर लाकडाउन लगाने का प्रावधान है। इस नीति की वजह से कई छोटी फैक्‍टरियां काफी समय तक बंद रही हैं। इसका असर लोगों की आमदनी और रोजगार पर भी पड़ा है और इसकी वजह से देश की सप्‍लाई चेन बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इन सभी के बावजूद चीन के अर्थशास्‍त्री मान रहे हैं कि चीन अपने को इससे उबार लेगा। वहीं इन जानकारों का ये भी कहना है कि यदि चीन मंदी से घिरा तो इसका असर पूरी दुनिया में दिखाई देगा।

    रियल स्‍टेट की हालत खराब

    इसके अलावा रियल स्‍टेट पर हुई कार्रवाई से भी यहां की आर्थिक स्थिति खराब हुई है। चीन का बड़ा रियल स्‍टेट ग्रुप एवरग्रांदे अब दिवालिया होने की कगार पर है। नया घर लेने की इच्‍छा रखने वालों ने कर्ज की नीतियों को दरकिनार कर दिया है। इसलिए नया घर खरीदने वालों की संख्‍या काफी गिर गई है। कई जानकार चीन की धीमी रफ्तार की बड़ी वजह रियल एस्टेट में आई मंदी को मान रहे हैं। देश की जीडीपी में करीब 30 फीसद का योगदान इसी रियल एस्टेट का योगदान है। चीन के केंद्रीय बैंक ने महंगाई पर काबू पाने तक ज्यादा आर्थिक छूट देने से साफ इनकार कर दिया है।