China-Taiwan conflicts: ताइवान इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर चीन का मिसाइल अटैक! ऐसी ही कई गलत जानकारियां सोशल मीडिया में वायरल कर रहा ड्रैगन
नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद चीन बुरी तरह से भड़का हुआ है। वो लगातार ताइवान को लेकर सोशल मीडिया पर गलत जानकारी शेयर कर उन्हें वायरल करने में लगा है। ये सभी ताइवान के लोगों और उसकी सेना का हौसला कम करने के लिए किया जा रहा है।
ताइपे (एजेंसी)। ताइवान को लेकर आक्रामक हो रहा चीन अब ताइपे को लेकर लोगों के बीच गलत जानकारी का प्रचार-प्रसार करने की कोशिश कर रहा है। इसके तहत उसने पिछले एक सप्ताह के अंदर ही ऐसी 272 कोशिशें की हैं। ताइवान के रक्षा मंत्रालय की तरफ से ये जानकारी साझा की गई है। एक प्रेस कांफ्रेंस में मेजर जनरल चेन-यू-इन ने कहा कि चीन द्वारा लाइव फायर ड्रिल शुरू करने के साथ ही उसने गलत जानकारियों का प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया है।
इन गलत जानकारियों में ताइवान के Taoyuan International airport पर मिसाइल अटैक करना और चीन के युद्धपोत का ताइवान के पूर्वी तट पर मौजूद होने जैसी कई गलत जानकारियां सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल करना शामिल हैं। ये सब इसलिए किया जा रहा है जिससे यहां के लोगों में चीन को लेकर खौफ पैदा हो सके और वहीं शियामेन और फूजियान समेत चीन के दूसरे राज्यों में ये बात पहुंचाई जा सके कि अब ताइवान पर उसका कब्जा होने ही वाला है। आपको बता दें कि चेन-यू-इन पालिटिकल एंड वारफेयर के डिप्टी डायरेक्टर हैं।
चेन का कहना है कि चीन ये सब कुछ इसलिए भी कर रहा है क्योंकि मौजूदा समय में आनलाइन और सोशल मीडिया के करोड़ों यूजर्स हैं। इस पर शेयर की गई जानकारी तेजी से वायरल होती है और डर का माहौल पैदा कर सकती है। इसके अलावा चीन ताइवान पर लगातार साइबर अटैक भी कर रहा है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से इस तरह की चीजों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 1-8 अगस्त के बीच चाइनीज कम्यूनिस्ट पार्टी ने ताइवान को लेकर 272 बार गलत जानकारियों का प्रसार किया है। 4-8 अगस्त के बीच चीन ने अपनी मिलिट्री एक्सरसाइज को लेकर कई गलत जानकारियां सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाई हैं।
रक्षा मंत्रालय ने चीन के इस misinformation attempts को तीन अलग-अलग कैटेगिरी में बांटा है। इसमें एक बल पूर्वक ताइवान को चीन के साथ मिलाने की उसकी योजना, मिलिट्री एक्सरसाइज, जिसमें इसके शुरू होने से पहले और बाद में फैलाई गई झूठी जानकारियां, सरकारी संस्थाओं पर किए गए साइबर हमले में फैलाई गई झूठी जानकारियां शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा है कि लाइव फायर ड्रिल से पहले और बाद में इन सभी में काफी तेजी देखने को मिली है। चीन की कोशिश है कि वो ये सब करके ताइवान की सेना और यहां के लोगों का उत्साह कम कर सके।