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    China: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के सबसे बड़े क्रेटर में उतरा चीन का अंतरिक्ष यान, दो दिनों के भीतर नमूना इकट्ठा करेगा

    Updated: Sun, 02 Jun 2024 10:30 PM (IST)

    यह चंद्र कक्षा में एक अन्य अंतरिक्ष यान के साथ जुड़ेगा और 25 जून के आसपास चीन के इनर मंगोलिया क्षेत्र में उतरेगा। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो यह ...और पढ़ें

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    चीन का चांग ई-6 प्रोब चंद्रमा के सबसे बड़े क्रेटर दक्षिणी ध्रुव-एटकेन बेसिन में रविवार सुबह 6.23 बजे सफलतापूर्वक उतरा।

    रॉयटर्स, बीजिंग। चीन का चांग ई-6 प्रोब चंद्रमा के सबसे बड़े क्रेटर दक्षिणी ध्रुव-एटकेन बेसिन में रविवार सुबह 6.23 बजे सफलतापूर्वक उतरा। यह पृथ्वी से नजर न आने वाला हिस्सा है। चांग ई-6 इस हिस्से से दो किलो नमूना एकत्र कर पृथ्वी पर लौटेगा। यहां अबतक कोई दूसरा देश नहीं पहुंच पाया है। आर्बिटर, रिटर्नर, लैंडर और एस्सेंडर से युक्त चांग ई-6 प्रोब को तीन मई को लांग मार्च-5 राकेट की मदद से हैनान के दक्षिणी द्वीप स्थित वेनचांग सेटेलाइट लांच सेंटर से भेजा गया था।

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    कई चरणों को पार कर यह निर्धारित गंतव्य तक पहुंचने में कामयाब रहा। इसे उतरने में सहायता के लिए चुनौतियों को खुद पहचानने की क्षमता से लैस किया गया था। विज्ञानियों का कहना है कि एक ²श्य प्रकाश कैमरे ने चंद्र सतह की चमक और अंधेरे के आधार पर तुलनात्मक रूप से सुरक्षित लैंडिंग क्षेत्र का चयन किया। यह खोज के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलाजी कारपोरेशन (सीएएससी) के अंतरिक्ष विशेषज्ञ हुआंग हाओ ने कहा कि चंद्रमा का सुदूर भाग ऊबड़-खाबड़ होने के बावजूद अपोलो बेसिन अपेक्षाकृत सपाट है।

    चांग ई-6 को नमूना जमा करने का कार्य दो दिनों के भीतर पूरा करना है। हालांकि, वास्तविक रूप से उसे करीब 14 घंटे का ही समय मिलने की संभावना है। ड्रिलिंग और रोबोटिक बांह के माध्यम से नमूना इकट्ठा किया जाएगा। नमूनों को लैंडर के ऊपर एक राकेट बूस्टर में स्थानांतरित किया जाएगा, जो अंतरिक्ष में वापस लांच किया जाएगा।

    यह चंद्र कक्षा में एक अन्य अंतरिक्ष यान के साथ जुड़ेगा और 25 जून के आसपास चीन के इनर मंगोलिया क्षेत्र में उतरेगा। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो यह चीन को चंद्रमा के 4.5 अरब साल के इतिहास का एक प्राचीन रिकार्ड प्रदान करेगा। साथ ही सौर मंडल के गठन के संबंध में नई जानकारियां सामने लाएगा। यह पृथ्वी की ओर वाले हिस्से के साथ इस अज्ञात क्षेत्र की अभूतपूर्व तुलना में भी सहायक होगा। चीन का उद्देश्य 2030 तक चंद्रमा पर मानव को उतारना है।