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चीन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के संबंध सुधारने के सुझावों की तारीफ की, जानें क्‍या कहा

चीन ने कहा कि उसने विदेश मंत्री एस.जयशंकर के तनावपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के सुझावों का संज्ञान लिया है। साथ ही भारत के चीन से संबंधों को महत्व देने के बयान की भी सराहना की है। जानें चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस मसले पर क्‍या कहा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 29 Jan 2021 07:08 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jan 2021 07:08 PM (IST)
चीन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के संबंध सुधारने के सुझावों की तारीफ की, जानें क्‍या कहा
चीन ने विदेश मंत्री एस.जयशंकर के द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के सुझावों की सराहना की है।

बीजिंग, पीटीआइ। चीन ने कहा कि उसने विदेश मंत्री एस.जयशंकर के तनावपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के सुझावों का संज्ञान लिया है। साथ ही भारत के चीन से संबंधों को महत्व देने के बयान की भी सराहना की है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने शुक्रवार को ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि भारत के विदेश मंत्री ने भारत-चीन के संबंधों को महत्व देने की बात कही है। इससे ऐसा लगता है कि भारतीय पक्ष चीन को महत्व देना चाहता है।

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झाओ ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में तनाव का कारण हमेशा सीमा विवाद ही रहता है। वह उम्मीद करते हैं कि इन मतभेदों को दूर करने के लिए सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे। झाओ ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि भारतीय पक्ष मतभेदों को दूर करके व्यवहारिक सहयोग को बढ़ावा देने का काम करेगा।

उल्‍लेखनीय है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को चीन के साथ सीमा पर जारी गतिरोध पर कहा था कि पूर्वी लद्दाख में पिछले वर्ष हुई घटनाओं ने दोनों देशों के संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। उन्‍होंने यह भी कहा था कि संबंधों को आगे तभी बढ़ाया जा सकता है जब वे आपसी सम्मान, संवेदनशीलता, साझा हित जैसी परिपक्वता पर आधारित हों।

जयशंकर ने कहा था कि भारत और चीन के संबंध दोराहे पर हैं जिनका न केवल दोनों देशों पर वरन पूरी दुनिया पर प्रभाव पड़ेगा। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा था कि जो समझौते हुए हैं उनका पूर्णतया पालन किया जाना चाहिए। यही नहीं वास्तविक नियंत्रण रेखा का कड़ाई से पालन और सम्मान किया जाना चाहिए। उन्‍होंने यह भी स्पष्ट किया था कि एलएसी पर यथास्थिति को बदलने का कोई भी एकतरफा प्रयास स्वीकार्य नहीं है।  


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