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    अचानक नजर आ गए जैक मा… क्यों चीन में गायब हो जाते हैं लोग, फिर उनका क्या होता है?

    Updated: Thu, 20 Feb 2025 06:17 PM (IST)

    चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 17 फरवरी को बीजिंग में बिजनेस टायकून्स के साथ मुलाकात की। बेहद कम ऐसे मौके आते हैं जब चिनफिंग को प्राइवेट सेक्टर के दिग्गजों से वार्ता करनी होती है। इस मीटिंग में अलीबाबा के को-फाउंडर जैक मा भी पहुंचे जो 5 साल पहले गायब हो गए थे। चीन में सरकार की नजर में खटकने वाले लोगों के गायब होने का लंबा इतिहास रहा है।

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    2023 के बाद से जैक मा इक्का-दुक्का मौकों पर ही दिखाई देते हैं (फोटो: जागरण)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन में लोगों के गायब होने का प्रचलन नया नहीं है। एक जाना-माना व्यक्ति जब कम्युनिस्ट सरकार की नजरों में खटकने लगता है, तो अचानक एक दिन गायब हो जाता है। एक ऐसी ही जानी-मानी शख्सियत हैं जैक मा।

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    चाइनीज ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अलीबाबा के संस्थापक जैक मा मीडिया में छाए रहते थे। लेकिन 2020 में एक दिन वह अचानक गायब हो गए। सरकार ने उनके खिलाफ जांच बैठा दी। 2023 के बाद से वह इक्का-दुक्का मौकों पर ही दिखाई देते हैं। लेकिन अब शी चिनफिंग खुद उनसे मिलने पहुंचे हैं।

    आज के एक्सप्लेनर में जानेंगे कि आखिर चीन में लोग गायब क्यों हो जाते हैं और अचानक शी चिनफिंग को जैक मा की जरूरत क्यों पड़ गई...

    17 फरवरी को चीन की राजधानी बीजिंग में राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अध्यक्षता में हाई प्रोफाइल मीटिंग आयोजित की गई थी। इसमें जैक मा समेत चीन के बड़े बिजनेस टायकून पहुंचे थे। शी चिनफिंग ने इस मीटिंग में सभी टेक दिग्गजों से अपनी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करने को कहा है।

    समिट में चीनी कंपनी शाओमी के संस्थापक और सीईओ लेई जुन, टेनसेंट के संस्थापक पोनी मा हुआतेंग, इलेक्ट्रिक कार कंपनी बीवाईडी के चेयरमैन वांग चुआनफू और हुआवे के प्रमुख रेन झेंगफेई भी पहुंचे थे।

    क्यों पड़ी मीटिंग की जरूरत?

    • दरअसल अमेरिका ने चीन पर 10 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है। अमेरिका के साथ चीन का ट्रेड सरप्लस है। लेकिन चीन की इकोनॉमी लंबे वक्त से संघर्ष कर रही है। जानकार मान रहे हैं कि ये सब ट्रंप की नीति का नतीजा है।
    • अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर के बढ़ रहे आसार के बीच चिनफिंग चाहते हैं कि चीन की इकोनॉमी को निजी सेक्टर बूस्ट करने में मदद करे। चीन सेमीकंडक्टर में आत्मनिर्भर बनना चाहता है, लेकिन अमेरिका उसके लिए चुनौतियां पैदा कर रहा है। टेक सेक्टर में अमेरिका से टकराने के लिए चीन को इन प्राइवेट कंपनियों की जरूरत पड़ेगी।
    • एक अन्य वजह चीन के निजी सेक्टर के बीच पनप रहा असंतोष है। चीन के बिजनेसमैन सरकार की लगातार बढ़ रही दखलअंदाजी से परेशान हैं और इस कारण चीन में निवेश भी नहीं हो पा रहा है। चीन का रियल एस्टेट भी दबाव में है। युवाओं की बेरोजगारी और कम हो रही खपत ने इकोनॉमी को काफी कमजोर कर दिया है।

    जैक मा ने क्या की थी गलती?

    शी चिनफिंग की मीटिंग की ज्यादा बातें तो सामने नहीं आ सकीं, लेकिन इसमें सबसे ज्यादा चर्चा जैक मा के पहुंचने की थी। एक वक्त ऐसा भी था कि जैक मा एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति थे। उनके अलीबाबा को अमेजन के टक्कर का माना जाता था। 2017 में उन्हें डोनाल्ड ट्रंप मिलने बुलाया था।

    बस यही से जैक मा का डाउनफॉल शुरू हो गया। उनके खिलाफ चीन की प्रोपेगैंडा वेबसाइट्स में आर्टिकल छपने लगे। एक दिन जैक मा ने चीनी बैंकों की आलोचना कर दी। सरकार ने इसे अपनी आलोचना के तौर पर देखा और उनके खिलाफ जांच बैठा दी गई। 2020 के बाद से वह गायब हो गए।

    चीन में गायब क्यों हो जाते हैं लोग?

    चीन दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी है। सबसे बड़ी स्टैंडिंग आर्मी से लेकर यूएनएसी में परमानेंट मेंबरशिप तक चीन के पास लगभग सब कुछ है। लेकिन इन सबके बावजूद चीन में सरकार का दखल हर छोटी-छोटी चीजों में है। चीन में जब माओ की सत्ता थी, तब वह अपने विरोधियों को चुन-चुनकर ठिकाने लगाता था।

    शी चिनफिंग भी इसी नक्शेकदम पर चल रहे हैं। अगर चीन में कोई बिजनेसमैन ज्यादा आगे बढ़ने लगता है या किसी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी का महत्व बढ़ने लगता है, तो सरकार को उनसे खतरा महसूस होने लगता है। इसके बाद उनके खिलाफ जांच बैठा दी जाती है। अमुक व्यक्ति दिखाई देना बंद हो जाता है। अगर किस्मत अच्छी रही, तो इक्का-दुक्का खबरें बाहर आ जाती हैं, वरना उनका कुछ पता नहीं चलता।

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