चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग का बड़ा एक्शन, नेवी चीफ ऑफ स्टाफ के साथ सीनियर परमाणु वैज्ञानिक बर्खास्त; जानिए वजह
चीन में रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान में बड़ी हलचल हुई है। नौसेना के चीफ ऑफ स्टाफ ली हानजुन और शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक लियू शिपेंग को संसद सदस्यता से हटा दिया गया है। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार खत्म करने के प्रयासों का हिस्सा मानी जा रही है, हालांकि हटाने का सटीक कारण नहीं बताया गया है।

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग। (फाइल फोटो)
पीटीआई, बीजिंग। चीन से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां पर चीन के शक्तिशाली रक्षा एवं सुरक्षा प्रतिष्ठान में बड़ी हलचल देखने को मिली है। जानकारी के अनुसार, देश की नेवी के चीफ ऑफ स्टाफ और एक शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक की संसद सदस्यता खत्म कर दी गई है।
दरअसल, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलएएन) के चीफ ऑफ स्टाफ वाइस एडमिरल ली हानजुन और चाइना नेशनल न्यूक्लियर कॉरपोरेशन के डिप्टी चीफ इंजीनियर लियू शिपेंग को नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) से निष्कासित कर दिया गया है।
एनसीपी की स्थायी समिति ने दी फैसले की जानकारी
बता दें कि ली हानजुन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी के चीफ ऑफ स्टाफ के पद पर थे। वहीं, लियू शिपेंग चाइना नेशनल न्यूक्लियर कॉर्पोरेशन में डिप्टी चीफ इंजीनियर के पद पर तैना थे। शुक्रवार को इन दोनों की सदस्यता को समाप्त कर दिया गया। एनपीसी की स्थायी समिति ने इस फैसले की जानकारी दी है।
पहले भी कई अधिकारियों पर गिरी है गाज
समाचार एजेंसी पीटीआई ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के हवाले से बताया कि ली हानजुन पीएलए जनरलों की लिस्ट में सबसे नया नाम है। ये पिछले कुछ समय से जारी एक व्यापक जांच के दायरे में आए हैं। बताया यह भी जा रहा है कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने हाल के समय रक्षा उद्योग से जुड़े कई अधिकारियों, राजनेताओं और सैन्य अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। वहीं, इस संबंध में चीनी मीडिया का कहना है कि चीन के रक्षा उद्योग और सेना में फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ये कार्रवाईयां की जा रही हैं।
फैसले के पीछे की वजह नहीं आई सामने
बताया जा रहा है कि एनपीसी की स्थायी समिति ने इस फैसले के संबंध में शुक्रवार को एक बयान जारी किया। इस बयान में कहा गया कि नेवी सर्विसमेन कांग्रेस ने ली हानजुन को 14वीं नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के प्रतिनिधि के पद से हटाने का फैसला किया है। इसके अलावा लियू शिपेंग को एनपीसी के डिप्टी पद से हटाने का फैसला लिया गया है। कहा जाता है कि चीन में जब भी सेना में किसी भी प्रकार का बदलाव किया जाता है कि उसके पीछे की वजह नहीं बताई जाती है। हालांकि, ली और लियू को एनपीसी की सदस्यता से हटाने के बाद पता चलता है कि उनके ऊपर कई प्रकार के आरोप गंभीर आरोप लगे थे।
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