Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    PM मोदी की जीत से चीन के इस दुश्मन में खुशी की लहर, भारत के साथ केमेस्ट्री देख आगबबूला क्यों हुआ ड्रैगन?

    China Taiwan Dispute लोकसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद नरेंद्र मोदी एक बार फिर भारत के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। मोदी को दुनियाभर से शीर्ष नेताओं की तरफ से बधाई संदेश मिल रहा है। इसी कड़ी में ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने उन्हें बधाई भेजी है लेकिन इससे भारत और ताइवान का दुश्मन चीन आगबबूला हो गया है।

    By Agency Edited By: Abhinav Atrey Updated: Thu, 06 Jun 2024 04:41 PM (IST)
    Hero Image
    ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने पीएम नरेंद्र मोदी को बधाई संदेश भेजा है। (फोटो, रॉयटर्स)

    पीटीआई, बीजिंग। लोकसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद नरेंद्र मोदी एक बार फिर भारत के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। मोदी को दुनियाभर से शीर्ष नेताओं की तरफ से बधाई संदेश मिल रहा है। इसी कड़ी में ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने उन्हें बधाई भेजी है, लेकिन इससे भारत और ताइवान का दुश्मन चीन आगबबूला हो गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरअसल, कार्यवाहक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि वह ताइवान के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने यह बयान ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते के बधाई संदेश के बाद दिया। इसको लेकर चीन ने गुरुवार को भारत के समक्ष विरोध जताया। यानि मोदी का ताइवान के साथ काम करना चीन को नागवार गुजरा है।

    भारत को ताइवान के अधिकारियों का विरोध करना चाहिए- चीन

    साथ ही चीन ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत को ताइवान के अधिकारियों का विरोध करना चाहिए। चीन ताइवान को एक विद्रोही क्षेत्र मानता है और उसपर अपना अधिकार जमाता है। ड्रैगन ताइनाव को चीन में मिलाना चाहता है, लेकिन इसको लेकर ताइवान की जनता विरोध करती रही है।

    पिछले महीने ही ताइवान के नए राष्ट्रपति चुने गए लाई

    लाई पिछले महीने ही ताइवान के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं। उन्होंने एक्स पर कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी चुनावी जीत पर मेरी हार्दिक बधाई।" लाई ने कहा, "हम तेजी से बढ़ रही ताइवान-भारत साझेदारी को बढ़ाने, व्यापार, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में अपने सहयोग का विस्तार करने के लिए तत्पर हैं, ताकि इंडो-पैसिफिक में शांति और समृद्धि में योगदान दिया जा सके।"

    मैं ताइवान से घनिष्ठ संबंधों की आशा करता हूं- मोदी

    वहीं, लाई के बधाई संदेश पर मोदी ने अपने जवाब में कहा, "गर्मजोशी भरे संदेश के लिए लाई को धन्यवाद। मैं पारस्परिक रूप से लाभकारी आर्थिक और तकनीकी साझेदारी की दिशा में काम करते हुए घनिष्ठ संबंधों की आशा करता हूं।" दोनों नेताओं के बीच संदेशों पर प्रतिक्रिया से जलन खाते हुए चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन ने इस पर भारत के समक्ष विरोध दर्ज कराया है।

    ताइवान क्षेत्र में कोई राष्ट्रपति नहीं- चीन

    माओ ने कहा, "सबसे पहले, ताइवान क्षेत्र में कोई राष्ट्रपति नहीं है। चीन ताइवान के अधिकारियों और चीन के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले देशों के बीच सभी तरह की आधिकारिक बातचीत का विरोध करता है।" उन्होंने कहा कि दुनिया में केवल एक चीन है और ताइवान पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है।

    ये भी पढ़ें: UNSC का अस्थायी सदस्य बन सकता है पाकिस्तान, पनामा के भी शामिल होने की उम्मीद; बहुमत के लिए चाहिए इतने वोट