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    विवादित पैरासेल द्वीप पर चीन ने उतारे H-6 बमवर्षक जहाज, परेशान हो गई दुनिया; क्या हैं ड्रैगन के मंसूबे?

    चीन ने साउथ चाइना सी में विवादित पैरासेल द्वीपों पर दो H-6 बमवर्षक विमान उतारे हैं। मैक्सार टेक्नोलॉजी द्वारा जारी तस्वीरों में ये विमान वुडी द्वीप पर एक ही रनवे पर दिखाई दे रहे हैं। चीन लगभग पूरे साउथ चाइना सी पर अपना दावा करता है जिससे ब्रुनेई इंडोनेशिया मलेशिया फिलीपींस ताइवान और वियतनाम के साथ विवाद है।

    By Agency Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Wed, 28 May 2025 08:40 PM (IST)
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    वुडी द्वीप पर एक ही रनवे पर दो H-6 दिखाई दे रहे हैं (फोटो: रॉयटर्स)

    रॉयटर्स, हांग कांग। पूरी दुनिया चीन उत्पाती रवैये से परेशान है, ड्रैगन है कि मानने को तैयार नहीं। कभी ताइवान, कभी फिलीपिंस तो कभी कुछ और... अब चीन ने एक बार फिर वही हिमाकत की है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि चीन ने साउथ चाइना सी में विवादित पैरासेल द्वीपों पर अपने सबसे एडवांस बमवर्षक विमान माने जाने वाले दो H-6 को उतारा है।

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    न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को मैक्सार टेक्नोलॉजी ने दो तस्वीरें उपलब्ध कराई हैं, उसमें 19 मई को वुडी द्वीप पर एक ही रनवे पर दो H-6 दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा एक अन्य तस्वीर में दो Y-20 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और एक KJ-500 अर्ली वॉर्निंग प्लेन भी दिख रहे हैं।

    सोवियत डिजाइन से मिलता-जुलता है H-6

    चीन ने H-6 को अमेरिका के B-52 डेवलपमेंट की नकल करते हुए तैयार किया था। हालांकि ये सोवियत डिजाइन से मिलता-जुलता है और चीन का सबसे लंबी दूरी का बमवर्षक विमान है। इसे अत्याधुनिक हथियारों के साथ-साथ बेहतर इंजन और मॉर्डन फ्लाइट सिस्टम से लैस किया गया है।

    H-6 पीएलए के लिए फोर्स प्रोटेक्शन मैकेनिज्म की तरह काम करती है। लंदन स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज के अनुसार, चीन की दक्षिणी थिएटर कमांड बमवर्षकों की दो रेजिमेंट रखती है और इसे भारी किलेबंद ठिकानों पर रखा जाता है, जहां संघर्ष की स्थिति में उन्हें अमेरिकी हमलों से अधिक सुरक्षा मिलेगी।

    चीन करता है क्षेत्र पर दावा

    • बता दें कि चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर संप्रभुता का दावा करता है, जिसमें ब्रुनेई, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम द्वारा दावा किए गए क्षेत्र शामिल हैं। 2020 के बाद यह पहली बार है, H-6 बमवर्षक विमान पैरासेल्स में वुडी द्वीप पर उतरे हैं। इसे चीन की तरफ से अपनी बढ़ती सैन्य क्षमताओं का एक संकेत देने के रूप में देखा जा रहा है।
    • इधर सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग फोरम की शुरुआत होने जा रही है, जिसमें फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों शामिल होंगे। अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ भी इस क्षेत्र पर ट्रंप प्रशासन की दृष्टिकोण पेश करने वाले हैं। इसके पहले H-6 बमवर्षक अक्टूबर में ताइवान के पास युद्ध अभ्यास के लिए तैनात किए गए थे।

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