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फाइटर जेट और पनडुब्‍बी के बाद चीन ने बनाया दुनिया का सबसे बड़ा Amphibious Plane

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था चीन लगातान अपनी ताकत में इजाफा कर रहा है। फाइटर जेट से लेकर पनडुब्‍बी और युद्धपोत बनाने के बाद अब चीन ने एक ऐसा विमान बनाया है जो पानी और जमीन दोनों पर उतर सकता है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 20 Oct 2018 02:00 PM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 04:36 PM (IST)
फाइटर जेट और पनडुब्‍बी के बाद चीन ने बनाया दुनिया का सबसे बड़ा Amphibious Plane
फाइटर जेट और पनडुब्‍बी के बाद चीन ने बनाया दुनिया का सबसे बड़ा Amphibious Plane

बीजिंग। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था चीन लगातान अपनी ताकत में इजाफा कर रहा है। फाइटर जेट से लेकर पनडुब्‍बी और युद्धपोत बनाने के बाद अब चीन ने एक ऐसा विमान बनाया है जो पानी और जमीन दोनों पर उतर सकता है और दोनों ही जगहों से उड़ान भी भर सकता है। इस तरह के विमानों को उभयचर विमान या एंफीबियस प्‍लेन कहा जाता है।

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इस विमान का कोड नेम एजी 600 कुनलोंग है जिसका सफलतापूर्वक परिक्षण किया जा चुका है। यह इस तरह का दुनिया का सबसे बड़ा विमान है। इतना ही नहीं यह पूरी तरह से चीन में बनाया गया है। स्‍थानीय मीडिया के मुताबिक इस विमान को एविएशन इंडस्‍ट्री कारपोरेशन ऑफ चाइना द्वारा तैयार किया गया है। टेस्‍ट फ्लाइट के दौरान इसको शनिवार को स्‍थानीय समयानुसार सुबह करीब 8:51 पर झांगी रिजर्वोयर पर उतारा गया। यह जगह जिंगमेन प्रांत में स्थित है। परिक्षण के समय इस विमान पर पायलट संग कुल चार लोग जिसमें क्रू मेंबर शामिल थे, सवार थे। इससे पहले इस विमान इसी माह की शुरुआत में इस विमान का पहली बार 145 किमी प्रति घंटे की स्‍पीड पर वाटर टेक्सिंग ट्रायल किया गया था।

इस विमान की खासियत यह भी है कि इसका इंजन भी पूरी तरह से देश में ही बनाया गया है। इसके अलावा यह 12 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है। समुद्र में बचाव के दौरान यह विमान अहम भूमिका निभा सकता है। इसके अलावा जंगलों की आग बुझाने, समु्द्री सीमाओं की निगरानी में भी यह कारगर भूमिका निभा सकता है। इस विमान के परिक्षण की शुरुआत पिछले वर्ष दिसंबर में हुई थी, इसके बाद से इसके कई चरण के परिक्षण हो चुका है। इस दौरान इसके आठ बार टेक्सिंग टेस्‍ट भी हुए जिसमें इससे 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तर से लेकर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक उड़ाकर पानी का छिड़काव किया गया था। इस विमान की लंबाई करीब 37 मीटर है जो लगभग बोइंग 737 के ही बराबर है।

यहां पर हमें यह भी ध्‍यान रखना होगा कि इससे पहले चीन ने कई दूसरी उपलब्धि भी हासिल की हैं। इन पर डालते हैं एक नजर:-

चीन दुनिया का सबसे बड़ा एंफीबियस वारशिप बना रहा है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि चीन की नौसेना अमे‍रिका के बाद दूसरी सबसे ताकतवर नौसेना है। यह वारशिप अगले वर्ष 2019 तक बनकर तैयार हो जाएगा और 2020 में इसको सेना में शामिल कर लिया जाएगा। इसको बनाने के पीछे दक्षिण चीन सागर पर अमेरिका से बढ़ता तनाव है। लिहाजा चीन की योजना इस युद्धपोत को वहां पर तैनात करने की है।

20 जून 2016 में चीन ने अपने नए सुपरकंप्‍यूटर की शुरुआत पूर्वी चीन के वूक्‍सी से की थी। यह इलाका जियांग्‍सू प्रांत में आता है। इसको जर्मनी में हुई कांफ्रेंस में इसे दुनिया के सबसे तेज कंप्‍यूटर का दर्जा दिया गया था। इसको पूरी तरह से चीन में ही बनाया गया था। यह सुपरकंप्‍यूटर 93 बिलियन प्रति सैकेंड की गति से गणना कर सकता है।

आपको यहां पर बता दें कि चीन के गुईझाऊ प्रांत में दुनिया का सबसे बड़ा रेडियो टेलिस्‍कोप लगा है। आधा किमी के दायरे में बने इस टेलिस्‍कोप की शुरुआत 25 सिंतबर 2016 में हुई थी। चीन ने इस पर 180 मिलियन यूएस डॉलर का खर्च किया है। इसको बनने में करीब पांच वर्षों का समय लगा है।

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