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ताइवान दौरे को लेकर चीन ने आस्ट्रेलिया के पूर्व पीएम टोनी एबाट पर बोला हमला, कहा- वे दयनीय राजनेता

ताइवान समाचार के मुताबिक एबाट की यात्रा के जवाब में कैनबरा में चीनी दूतावास ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान पोस्ट किया जिसमें कहा गया टोनी एबाट एक असफल और दयनीय राजनेता हैं। एबाट ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के साथ चिंताओं को लेकर बात की थी।

By Nitin AroraEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 11:04 AM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 11:04 AM (IST)
ताइवान दौरे को लेकर चीन ने आस्ट्रेलिया के पूर्व पीएम टोनी एबाट पर बोला हमला, कहा- वे दयनीय राजनेता
ताइवान दौरे को लेकर चीन ने आस्ट्रेलिया के पूर्व पीएम टोनी एबाट की खिंचाई की

बीजिंग, एएनआइ। चीन ने शनिवार को पूर्व आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबाट के ताइवान दौरे को लेकर उन पर निशाना साधा और उनके खिलाफ कड़ा बयान जारी किया। ताइवान न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, एबाट, जो आस्ट्रेलिया के स्वदेशी मामलों के विशेष दूत हैं, ने पिछले सप्ताह ताइवान का दौरा किया और अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन से मुलाकात की। इसके बाद चीन ने यह मामला उठाया।

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ताइवान समाचार के मुताबिक, एबाट की यात्रा के जवाब में, कैनबरा में चीनी दूतावास ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान पोस्ट किया, जिसमें कहा गया, 'टोनी एबाट एक असफल और दयनीय राजनेता हैं।'

बयान में यह भी कहा गया है कि उनके (एबाट) ताइवान में हाल ही में घृणित और उन्मादी एक्शन ने उनकी घृणित चीन विरोधी विशेषताओं को पूरी तरह से उजागर कर दिया और कहा कि एबाट की हालिया यात्रा उन्हें और बदनाम करेगी।

ताइवान न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ताइपे में एक क्षेत्रीय सम्मेलन में बोलते हुए, एबाट ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के साथ अपने संबंधों में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने आने वाली चिंताओं को लेकर बात की थी। एबाट ने अपनी यात्रा के दौरान, साइबर जासूसी को बढ़ावा, हिमालय में भारतीय सैनिकों से क्रूर व्यवहार, समुद्र और ताइवान में उड़ानें भरने को लेकर चीन को आइना दिखाया।

बता दें कि मुख्य भूमि चीन के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित लगभग 24 मिलियन लोगों के लोकतंत्र ताइवान पर बीजिंग पूर्ण संप्रभुता का दावा करता है। इस तथ्य से उलट की दोनों पक्ष सात दशकों से अधिक समय से अलग-अलग शासित हैं।

दूसरी ओर, ताइपे ने अमेरिका सहित लोकतंत्रों के साथ रणनीतिक संबंधों को बढ़ाकर चीनी आक्रामकता का मुकाबला किया है, जिसका बीजिंग द्वारा बार-बार विरोध किया गया है। चीन ने धमकी दी है कि ताइवान की आजादी का मतलब युद्ध है।

1 जून को, चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने स्व-शासित ताइवान के साथ पूर्ण एकीकरण का संकल्प लिया और द्वीप के लिए औपचारिक स्वतंत्रता के किसी भी प्रयास को विफल करने की बात कही।


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