चीन की सेना युद्ध में फिसड्डी, आज जंग हुई तो कांपने लगेंगे चीनी सैनिक, अमेरिकी रिपोर्ट से दुनिया हैरान
चीन दुनिया में सबसे ताकतवर देश के रूप में तेजी से उभर रहा है। चीनी सेना दुनिया की तीसरी ताकतवर आर्मी मानी जाती है। इसी बीच एक अमेरिकी रिपोर्ट ने चौंकाने वाला दावा किया है। रिपोर्ट के अनुसार चीन की आर्मी जंग लड़ने के लिए तैयार ही नहीं है। तो फिर सवाल उठता है कि चीनी आर्मी पीएलए का पूरा ध्यान कहां पर लगा हुआ है। पढ़िए स्टोरी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया में चीन तेजी से उभरता ऐसा देश है, जिससे अमेरका भी परेशान है। चीन अपनी ताकत के बल पर दक्षिण चीन सागर के देशों को धमकाता है। हिंद प्रशांत क्षेत्र में अपनी 'दादागिरी' दिखाता है। लेकिन एक अमेरिकी थिंक टैंक ने एक ऐसाी रिपोर्ट पेश की है, जिससे पूरी दुनिया हैरान हो गई है।
Rand Corp की रिपोर्ट में यह सनसनीखेज दावा किया गया है कि चीन की आर्मी ' PLA' जंग लड़ने के लिए तैयार ही नहीं है। यदि आज युद्ध हो जाए, तो चीन की आर्मी को जंग लड़ने में मुश्किल का सामना करना पड़ेगा। यही कारण है कि परेशान शी चिनफिंग चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी' को दुरुस्त करने में जुटे हैं।
जंग हुई 'पीएलए' के कांपने लगेंगे पांव
- अमेरिकी थिंक टैंक की रिपोर्ट की मानें तो आज यदि अमेरिका या भारत जैसे देशों से चीन की जंग हो जाए, तो चीन की आर्मी लड़ने के लिए पूरी तरह अनफिट है। रिपोर्ट कहती है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी 'सीसीपी' का उदृदेश्य है कि वह सेना को मजबूत इसलिए रखना चाहती है, जिससे कि सत्ता पर उसकी पकड़ मजबूत रह सके। इस कारण बाहरी दुश्मन से लड़ने लायक तैयारी चीन की 'पीएलए' की नहीं नजर आती है।
- रिपोर्ट के लेखक Timothy R. Heath का दावा है कि चीनी आर्मी 'पीएलए' का पूरा फोकस शी चिनफिंग और उनकी पार्टी को सत्ता में बनाए रखने पर है। चीन की सेना का जो आधुनिकीकरण हो रहा है, वो चीनी शासन की स्थिरता को बनाए रखने के इर्द-गिर्द घूमता है।
जंग से ज्यादा राजनीतिक पेच में उलझी है चीनी आर्मी
- चीन की आर्मी को 'पीएलए' यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी कहा जाता है। पीएलए अपनी ट्रेनिंग टाइम का 40 प्रतिशत समय राजनीतिक विषयों पर खर्च होता है।
- तिमोथी हीथ का कहना है कि 'जिस समय का उपयोग युद्ध के लिए परफेक्शन हासिल करने के लिए किया जा सकता है, वो समय वह सत्ता की ताकत को बनाए रखने के उपायों पर खर्च कर देती है। पीएलए जंग की बजाय चिनफिंग की वफादारी पर ज्यादा जोर देती है।'
- रिपोर्ट कहती है कि यदि आज अमेरिका और चीन के बीच जंग हो जाए, तो पारंपरिक युद्ध नहीं होगा। हालांकि कुछ विशेषज्ञ इस रिपोर्ट के निष्कर्ष से सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि चिनफिंग ने पीएलए का सैन्य लक्ष्य स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें ताइवान पर कब्जा करना है। चीन इसके लिए लगातार प्रयास कर भी रहा है।
अत्याधुनिक हथियारों के उपयोग में भी चीनी सेना फिसड्डी
- लेखक तिमोथी हीथ ने तो अपनी रिपोर्ट में यहां तक दावा कर दिया है कि चीनी आर्मी 'पीएलए' के पास लड़ने के लिए अत्याधुनिक हथियार तक नहीं हैं।
- रिपोर्ट में दावा किया है कि चीनी आर्मी जंग के दौरान ज्यादातर अपने उन्नत हथियारों के साथ सही तरीके से लड़ने में विफल रही हैं।
- इस बात पर भी संदेह जताया है कि यदि चीनी सेना जंग लड़ती है, तो वह आधुनिक हथियारों का उपयोग करने में सफल हो पाएगी भी या नहीं।
चीनी सेना: तथ्य एक नजर में
- चीनी सेना में सक्रिय सैनिकों की संख्या 20 लाख से अधिक है।
- चीन के पास 10 लाख से अधिक रिजर्व सैनिक हैं।
- चीन के पास 6 लाख 60 हजार पैरा मिलिट्री फोर्स है।
- दुनिया के 145 शक्तिशाली देशों की सूची में चीन तीसरे स्थान पर है।
- चीनी सेना के पास 6800 टैंक और 1 लाख 44 हजार 17 आर्मर्ड व्हीकल हैं।
- चीनी आर्मी के पास रॉकेट लॉन्चरों की संख्या 2750 के करीब है।
'डरपोक' चीनी सेना भ्रष्टाचार से ग्रसित
चीनी सेना कितनी डरपोक है, यह गलवान में दुनिया ने देख लिया। किस तरह वह पीछे हट गई। चीनी आर्मी डरपोक होने के साथ ही भ्रष्टाचारी भी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सेना भ्रष्टाचार की मार से ग्रसित है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चीनी सेना और सरकार के आला अफसरों में भ्रष्टाचार फैला हुआ है। भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चिनफिंग के रक्षा निर्माण में खलल डाल रहा है। यही नहीं, चीनी आर्मी सैनिकों की कमी से भी जूझ रही है।
सोर्स:
- अमेरिकी संगठन रैंड कॉर्पोरेशन की रिपोर्ट
- https://www.rand.org/pubs/perspectives/PEA830-1.html
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