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बीबीसी के पत्रकार की पिटाई से गुस्‍साया ब्रिटेन, कहा- किसी भी तरह की माफी या बहाने से नहीं बनेगी बात

चीन में जीरो कोविड नी‍ति के खिलाफ हुए प्रदर्शन की रिपोर्टिंग करने वाले बीबीसी के पत्रकार को गिरफ्तार किए जाने से इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। मीडिया संस्‍था ने इस घटना की कड़े शब्‍दों में निंदा की ह।

By Jagran NewsEdited By: Kamal VermaPublished: Mon, 28 Nov 2022 10:09 AM (IST)Updated: Mon, 28 Nov 2022 01:19 PM (IST)
बीबीसी के पत्रकार की पिटाई से गुस्‍साया ब्रिटेन, कहा- किसी भी तरह की माफी या बहाने से नहीं बनेगी बात
रिपोटिंग के दौरान बीबीसी के पत्रकार को किया गया गिरफ्तार

लंदन (एजेंसी)। चीन के शंघाई शहर में जीरो कोविड नीति के खिलाफ हुए प्रदर्शनों की रिपोर्टिंग के दौरान पुलिस ने बीबीसी के एक पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया। बीबीसी ने इस तरह से अपने पत्रकार को गिरफ्तार किए जाने की कड़े शब्‍दों में निंदा की है। बीबीसी ने चीन के प्रशासन द्वारा पत्रकार के साथ किए जाने वाले दुर्व्‍यवहार पर भी चिंता जताई है। बीबीसी का कहना है कि उसके पत्रकार को प्रशासन ने उस वक्‍त गिरफ्तार किया जब वो शंघाई में विरोध प्रदर्शन की रिपार्टिंग कर रहा था। उसके हाथों में हथकड़ी पहनाई गई और उसके साथ बदसलूकी की गई।

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दोनों देश आमने-सामने 

ब्रिटेन के मंत्री ग्रांट शेप ने कहा है कि ये घटना बेहद निंदनीय है। इस पर चीन की तरफ से किसी भी बहाने को स्‍वीकार नहीं किया जा सकता है। न ही चीन की माफी ही मानी जाएगी। वहीं चीन ने इस मामले में टिप्‍पणी देते हुए कहा कि पत्रकार ने अपनी पहचान को उजागर नहीं किया था। इस वजह से ये सब कुछ हो गया। चीन की तरफ से ये बयान विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने दिया है।  

घटना पर जताई चिंता  

बीबीसी ने इस घटना के बाबत एक बयान जारी कर इस पूरी घटना पर चिंता जताई है। बीबीसी का आरोप है कि उसके पत्रकार Ed Lawrence को रिपोर्टिंग करने से रोकने के लएि पहले लात मारी और फिर उसकी पिटाई की, बाद में उसको गिरफ्तार कर लिया गया। अपने पत्रकार के साथ हुए इस तरह के दुर्व्‍यवहार से चिंतित बीबीसी ने कहा है कि उसको पुलिस ने कई घंटों तक अपनी गिरफ्त में रखा और फिर बाद में छोड़ दिया।

माफी से काम नहीं चलेगा

बीबीसी ने कहा है कि जिनके साथ ऐसा हुआ वो एक प्रतिष्ठित संस्‍था से जुड़ा है। अपने पत्रकार के साथ हुए इस दुर्व्‍यवहार पर बीबीसी ने यहां तक कहा है कि उनके पत्रकार पर उस वक्‍त हमला किया गया जब वो अपने आधिकारिक काम को अंजाम दे रहे थे। बीबीसी ने ये भी साफ कर दिया है कि वो इस घटना के लिए किसी भी तरह की माफी या चीन की तरफ से किसी भी आधिकारिक टिप्‍पणी को नहीं मानने वाली है। ये संस्‍था इस घटना की कड़ी निंदा करती है।

कई शहरों में हो रहे प्रदर्शन 

अंतरराष्‍ट्रीय मीडिया के मुताबिक इस बीच चीन के कई शहरों में सरकार की जीरो कोविड नीति के खिलाफ जबरदस्‍त विरोध प्रदर्शन जारी है। इन सभी में राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग को पद से हटाने की मांग की जा रही है। शिनजियांग के अपार्टमेंट में पिछले दिनों आग लगने की घटना के बाद यहां की प्रांतीय राजधानी में भी व्‍यापक स्‍तर पर इस जीरो कोविड नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस घटना में 10 लोगों की मौत हो गई थी।

लोगों का भड़का गुस्‍सा 

शिनजियांगा की इस घटना ने लोगों का गुस्‍सा भड़काने में मदद की है। वीडियो फुटेज में इस बात का भी दावा किया जा रहा है कि लाकडाउन की वजह से फायरफाइटर्स को आग वाली जगह पर पहुंचने में काफी देरी हुई थी। चीन के फाइनेंशियल हब कहे जाने वाले शंघाई में सैकड़ों लोगों ने इस आग में मरने वालों के प्रति श्रद्धांजलि देने के लिए कैंडल मार्च भी निकाला था।  


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