खालिस्तानी अलगाववादियों को बढ़ावा दे रहा कनाडा, क्या पाकिस्तान जैसा होगा हाल?
कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों को मिल रहे समर्थन पर एक रिपोर्ट में चिंता जताई गई है कि कनाडा का हाल पाकिस्तान जैसा हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा में खालिस्तानियों की मौजूदगी के प्रमाण हैं फिर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। पूर्व प्रधानमंत्री ट्रूडो पर भारत के खिलाफ चुप रहने का आरोप है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। खालिस्तानी चरमपंथियों को कनाडा में मिल रहे प्रश्रय पर एक रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि उसका भी हाल पाकिस्तान जैसा हो सकता है और ये चरमपंथी कनाडा के लिए भी खतरा बन जाएंगे।
'खालसा वोक्स' की एक रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया है कि कनाडा में खालिस्तानियों की मौजूदगी वीडियो, प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों और मीडिया रिपोर्टों से स्पष्ट है, फिर भी वर्षों से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों पर चुप रहने का आरोप लगाया गया है। अब ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि क्या उनके उत्तराधिकारी मार्क कार्नी इस गलती को सुधारेंगे।
खालिस्तानियों के लिए पनागाह बना कनाडा
विशेषज्ञों के मुताबिक कनाडा जैसे देश न केवल खालिस्तानियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बने हुए हैं, बल्कि वित्तीय सहायता भी दे रहे हैं। कनाडा की धरती से संचालित सिख फार जस्टिस (एसएफजे) जैसे आतंकवादी संगठनों के अलगाववादी नियमित रूप से भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करते हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य राजनेताओं के खिलाफ सार्वजनिक रूप से जहर उगलते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा सरकार की चुप्पी से साफ नजर आता है कि ये चरमपंथी समूहों को देश में पूरा संरक्षण मिला हुआ है। गौरतलब है कि कनाडा के वित्त विभाग की मनी लांडरिंग और टेरर फंडिंग के जोखिम पर तैयार रिपोर्ट में पहली बार स्वीकार किया गया है कि खालिस्तानी आतंकवादी समूह कनाडा की धरती से सक्रिय हैं और उन्हें वित्तीय सहायता भी मिल रही है।
सरकारी रिपोर्ट में क्या आया सामने
सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी समूह चैरिटी घोटालों, मादक पदार्थों की तस्करी और वाहन चोरी के जरिए धन जुटा रहे हैं। साथ ही खालिस्तानी आतंकवादी गैर-लाभकारी संगठनों और सिख प्रवासियों से मिले दान का भी दुरुपयोग कर रहे हैं। इसके अलावा क्राउडफंडिंग और क्रिप्टोकरेंसी से भी संगठनों को फंडिंग हो रही है।
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