अमेरिका में 20 फरवरी से पहले बच्चे पैदा करने की क्यों मची होड़? ट्रंप सरकार के एक फैसले से मचा हड़कंप
डोनाल्ड ट्रंप ने आते ही ताबड़तोड़ फैसले लेना शुरू कर दिया है। एक्जीक्यूटिव ऑर्डर के तहत 150 साल पुराने नागरिकता कानून में बदलाव किया है। ट्रंप ने एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी कर जन्मजात नागरिकता के अधिकार को समाप्त करने का निर्णय किया है। इस फैसले से कई प्रवासियों में बच्चों को 20 फरवरी से पहले जन्म देने को लेकर होड़ मच गई है। प

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सत्ता संभालते ही ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं। ऐसा ही एक फैसला यूएस बर्थ राइट सिटीजनशिप (US Birthright Citizenship) का है। ट्रंप सरकार ने आते ही बर्थराइट सिटीजनशिप में तब्दीली करने का निर्णय लिया है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूएस के 150 साल पुराने नागरिकता कानून में बदलाव करने का निर्णय लिया है।
इस बदलाव के तहत 20 फरवरी के बाद अमेरिका में जन्मे हर बच्चे को अमेरिका की नागरिकता यानी जन्मजात नागरिकता का हक नहीं मिल पाएगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए अमेरिका में रह रहे कई माता पिता अपने बच्चों को 20 फरवरी से पहले ही जन्म देने का विकल्प चुन रहे हैं।
सर्जरी का रास्ता अपनाने की कोशिश
अमेरिका में रहने वाले दुनियाभर के कई प्रवासी जिनमें भारतीय भी शामिल हैं, वे चाहते हैं कि 20 फरवरी से पहले ही बच्चों को जन्म दे दिया जाए। इसके लिए वे सी सेक्शन यानी सर्जरी का रास्ता अपना रहे हैं। यह विकल्प चुनने वाली महिलाएं मुख्य रूप से प्रेग्नेंसी के 8वें या 9वें महीने में होती हैं। इस संबंध में न्यूजर्सी के एक चिकित्सक ने बताया कि जिन महिलाओं की डिलिवरी मार्च में होना है, उनके फोन आ रहे हैं कि वे समय से पहले डिलिवरी कराना चाहती हैं।
अस्पतालों में पहुंच रहीं प्रेग्नेंट महिलाएं
मार्च से पहले ही जल्दी डिलिवरी की चाह में कई महिलाएं अभी से ही अस्पतालों में पहुंच रही हैं। 'टीओआई' के अनुसार टेक्सास में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. एसजी मुक्काला बताती हैं कि पिछले दो दिनों की अवधि के दौरान जल्दी डिलिवरी को लेकर करीब 20 कपल्स ने उनसे बात की है।
ट्रंप ने जारी किए एग्जीक्यूटिव ऑर्डर
- ट्रंप ने एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी कर जन्मजात नागरिकता के अधिकार को समाप्त करने का निर्णय किया है।
- ट्रंप के इस फैसले से अमेरिका में अस्थायी वीजा पर रह रहे लाखों भारतीय प्रभावित हो सकते हैं।
- अमेरिका के राष्ट्रपति ने इस आदेश का लागू करने के लिए 30 दिन यानी 20 फरवरी का समय दिया है।
भारतीय मूल के सांसद कर रहे विरोध
न्यूज एजेंसी पीटीआई अनुसार, भारतीय-अमेरिकी सांसद ट्रंप के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। नागरिकता नियम में यह परिवर्तन ये सांसद असंवैधानिक बता रहे हैं। अमेरिकी सांसद प्रमिला जायसवाल ने इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि इसे लागू करना कानून और संविधान में स्थापित मिसालों के साथ मजाक होगा।
क्या होते हैं एक्जीक्यूटिव ऑर्डर्स?
ट्रंप ने एक्जीक्यूटिव ऑर्डर्स के तहत नागरिकता के संबंध में जो फैसला लिया है, वो एक्जीक्यूटिव ऑर्डर्स क्या होते हैं? दरअसल, एक्जीक्यूटिव ऑर्डर्स ऐसे आदेश होते हैं जिसे अमेरिकी प्रेसिडेंट अपने प्रभाव से एकतरफा रूप से एक्जीक्यूट कर सकते हैं। यह कानून के समान ही प्रभावी होते हैं।
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