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Abhijit Banerjee: जाने कौन हैं भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी जिन्हें मिला है अर्थशास्त्र में नोबेल

अभिजीत बनर्जी ने कलकत्ता यूनिवर्सिटी और दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 05:07 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 07:28 PM (IST)
Abhijit Banerjee: जाने कौन हैं भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी जिन्हें मिला है अर्थशास्त्र में नोबेल
Abhijit Banerjee: जाने कौन हैं भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी जिन्हें मिला है अर्थशास्त्र में नोबेल

स्टॉकहोम, पीटीआइ। Nobel Prize 2019: भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) और उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो (Esther Duflo) को नोबेल पुरस्कार 2019 से सम्मानित किया गया है। 58 वर्षीय अभिजीत और एस्थर को वैश्विक स्तर पर गरीबी को कम करने को लेकर किए गए कार्यो के लिए ये सम्मान दिया गया है।

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अभिजीत का जन्म 21 फरवरी 1961 में महाराष्ट्र के धुले में हुआ। पिता दीपक बनर्जी और मां निर्मला बनर्जी दोनों ही कोलकाता के जाने माने प्रोफेसर थे। पिता दीपक बनर्जी प्रेसीडेंसी कॉलेज में इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर थे और मां कोलकाता के सेंटर फॉर स्टडीज इन सोशल साइंसेज में प्रोफेसर थीं।

1983 में जेएनयू से किया पोस्ट ग्रैजुएशन

अभिजीत बनर्जी ने कोलकाता में ही अपनी प्रारंभिक शिक्षा ली। कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से ही उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री ली। 1983 में अभिजीत ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सटी ने इकोनॉमिक्स से एमए किया। इसके बाद अभिजीत ने 1988 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

पहली पत्नी अरुंधति से तलाक

अभिजीत बनर्जी ने एमआइटी में साहित्य की लैक्चरार अरुंधति तुली से शादी की। अभिजीत और अरुंधति दोनों कोलकाता में एक साथ ही बड़े हुए। 1991 में उनका एक बेटा भी हुआ जिसका नाम कबीर बनर्जी है। मार्च 2016 में कबीर का निधन हो गया। अभिजीत और अरुंधति ने बाद में तलाक ले लिया। इसके बाद अभिजीत ने  एमआइटी में ही प्रोफेसर एस्थर डुफ्लो से शादी कर ली।

MIT में प्रोफेसर हैं अभिजीत बनर्जी

अभिजीत वर्तमान में यूएस-आधारित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Massachusetts Institute of Technology) अर्थशास्त्र में फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल के प्रोफेसर हैं। साल 2003 में अभिजीत बनर्जी ने पत्नी एस्थर डुफ्लो और सेंधिल मुलाइनाथन के साथ मिलकर अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब (Abdul Latif Jameel Poverty Action Lab) की स्थापना की। अभिजीत की पत्नी एस्थर डुफ्लो फ्रांसीसी-अमेरिकी हैं। उन्होंने 1999 में एमआईटी से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। डुफ्लो भी मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में प्रोफेसर हैं। 

कई महत्वपूर्ण पदों पर दे चुके हैं सेवाएं

बनर्जी ब्यूरो ऑफ रिसर्च इन द इकोनॉमिक एनालिसिस ऑफ डेवलपमेंट के पूर्व अध्यक्ष, एनबीइआर (NBER) के एक रिसर्च एसोसिएट, एक सीइपीआर (CPER) के रिसर्च फेलो, कील इंस्टीट्यूट के इंटरनेशनल रिसर्च फेलो, अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज के अध्यक्ष हैं। इसके अलावा अभिजीत काइल इंस्‍टीट्यूट के इंटरनेशनलके फेलो और इन्फोसिस पुरस्कार विजेता भी रह चुके हैं।

'पुअर इकोनॉमिक्स' को मिला है बुक ऑफ द ईयर का खिताब

अभिजीत बनर्जी ने ढेर सारे लेखों के आलावा चार पुस्तकें भी लिखी हैं। अभिजीत की किताब 'पुअर इकोनॉमिक्स' को गोल्डमैन सैश बिजनेस बुक ऑफ द ईयर का खिताब भी मिल चुका है। वह तीन अन्य पुस्तकों के संपादक भी हैं और उन्होंने दो डॉक्‍यूमेंट्री फिल्मों का निर्देशन भी किया है। अभिजीत संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा साल 2015 के बाद विकास के एजेंडे के लिए बनाए गए प्रख्यात व्यक्तियों के उच्च स्तरीय पैनल में भी काम कर चुके हैं।


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