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    कौन हैं यमन के हूती, क्यों अमेरिका बना रहा है निशाना? लाल सागर में एक गलती पड़ रही भारी

    Updated: Sun, 16 Mar 2025 04:14 PM (IST)

    अमेरिकी कांग्रेस के मुताबिक हूती विद्रोहियों ने नवंबर 2023 और अक्टूबर 2024 के बीच लाल सागर में 190 हमले किए। इससे पहले ब्रिटेन और अमेरिका ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ साझा नौसैनिक और हवाई हमले भी किए थे। इनके अलावा कई बार इजरायल ने भी हूती विद्रोहियों पर हमले किए हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा यदि वो नहीं रुके को विनाश की ऐसी बारिश होगी जैसी आपने नहीं देखी होगी।

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    कौन हैं यमन के हूती (जागरण फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यमन में हूती विद्रोहियों पर हवाई हमले शुरू कर दिए हैं। ट्रंप ने लाल सागर में हूती विद्रोहियों द्वारा जहाजों पर हुए हमलों को इसकी वजह बताया है। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर लिखा, "ईरान से आर्थिक समर्थन पाने वाले हूतियों ने अमेरिकी विमानों पर मिसाइलें दागी हैं और हमारे सैनिकों और सहयोगियों को निशाना बनाया है।"

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    ट्रंप ने आगे लिखा, "हूती विद्रोहियों की सुमद्री डकैती, हिंसा और आतंक से अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है और लोगों की जान खतरे में पड़ी है।" वहीं अमेरिका द्वारा किए गए हमले के बाद हूती संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हमलों में कम से कम 15 लोग मारे गए और 9 लोग घायल हुए।

    'होगी विनाश की बारिश'

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हूती विद्रोहियों को सीधे तौर पर संबोधित करते हुए लिखा, "यदि वो नहीं रुके को आप पर विनाश की ऐसी बारिश होगी जैसी आपने पहले कभी नहीं देखी होगी।" ट्रंप की इस चेतावनी के बाद भी हूतियों ने अपनी प्रतिक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया और कहा कि इस आक्रमण से फलिस्तीनियों के प्रति उनका समर्थन कम नहीं होगा।

    अमेरिकी कांग्रेस के मुताबिक हूती विद्रोहियों ने नवंबर 2023 और अक्टूबर 2024 के बीच लाल सागर में 190 हमले किए। इससे पहले ब्रिटेन और अमेरिका ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ साझा नौसैनिक और हवाई हमले भी किए थे। इनके अलावा कई बार इजरायल ने भी हूती विद्रोहियों पर हमले किए हैं।

    कौन हैं हूती विद्रोही?

    यमन के अल्पसंख्यक शिया जैदी का हथियारबंद समूह ही हूती है। इस समुदाय ने 1990 में तत्कालीन राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के कथित भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए इस समूह का गठन किया था। हूतियों का नाम उनके अभियान के संस्थापक हुसैन अली हूती के नाम पर पड़ा है।

    हूती विद्रोही खुद को अंसार अल्लाह यानी ईश्वर के साथी भी कहते हैं। साल 2003 में अमेरिका के नेतृत्व में इराक पर हुए हमले में हूती विद्रोहियों ने नारा दिया था, "ईश्वर महान है। अमेरिका का खात्मा हो। यहूदियों का विनाश हो और इस्लाम की विजय हो।"

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    हूती खुद को ईरान का सहयोगी भी बताते हैं क्योंकि उनका साझा दुश्मन साउदी अरब है। शक जताया जाता है कि हूती विद्रोहियों को ईरान हथियार भी दे रहा है। अमेरिका और साउदी अरब ने कहा था कि ईरान ने हूती विद्रोहियों को बैलिस्टिक मिसाइलें दी हैं।

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