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    व्हाइट हाउस, सुप्रीम कोर्ट और महज 7 लाख की आबादी; आखिर अपराध का गढ़ कही जाने वाली वाशिंगटन DC क्यों है खास?

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 11:03 AM (IST)

    Washington DC History डोनाल्ड ट्रम्प ने वाशिंगटन डीसी में सार्वजनिक सुरक्षा आपातकाल की घोषणा की है और 800 नेशनल गार्ड सैनिक तैनात किए हैं। वाशिंगटन डीसी अमेरिकी सत्ता और न्यायपालिका का केंद्र है लेकिन वहां अपराध बढ़ रहा है। संसद के हाथ में वाशिंगटन डीसी की कमान है और कई लोग इसे अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की मांग कर रहे हैं।

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    अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन डीसी। दुनिया के कई देशों के बीच सीजफायर का क्रेडिट लेने के बाद अब डोनाल्ड ट्रंप की नजर अपने खुद के देश पर जा टिकी है। ट्रंप ने अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी को अपने कब्जे में लेने की घोषणा की है। वाशिंगटन डीसी में सार्वजनिक सुरक्षा आपातकाल लगा दिया गया है। साथ ही ट्रंप ने वाशिंगटन में नेशनल गार्ड के 800 सैनिक तैनात किए हैं।

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    यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर ऐसा क्या हुआ, जो ट्रंप ने रातोंरात वाशिंगटन में केंद्रीय कानून लागू कर दिया? वाशिंगटन ट्रंप के लिए इतना जरूरी क्यों है? आइए जानते हैं अमेरिकी राजधानी के बारे में विस्तार से...

    वाशिंगटन डीसी क्यों है खास?

    अमेरिका के चमचमाते शहरों में शुमार वाशिंगटन सिर्फ नाम की राजधानी नहीं है बल्कि यह कई मायनों में अहम है। अमेरिकी सत्ता का केंद्र होने के साथ-साथ अमेरिका की न्यायपालिका भी यहीं से चलती है। वाशिंगटन में अमेरिका के कई बड़े स्कूल और बिजनेस हब मौजूद हैं। इस शहर की आबादी 7 लाख से अधिक है। व्हाइट हाउस (राष्ट्रपति भवन), कैपिटोल और सुप्रीम कोर्ट भी यहीं है।

    ट्रंप ने क्यों लगाया आपातकाल?

    अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप वाशिंगटन में बैठकर ही दुनिया को फरमान सुनाते हैं। मगर, इन दिनों उनकी खुद की राजधानी पर संकट मंडरा रहा है। वाशिंगटन में अपराध लगातार बढ़ रहा है। दिनदहाड़े गोलीबारी और लूटपाट वाशिंगटन में आम हो गए हैं। पिछले दिनों ऐसी कई वारदातें देखने को मिली हैं। यही वजह है कि अब ट्रंप अपने तरीके से वाशिंगटन को सुरक्षित बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

    संसद के हाथ में है वाशिंगटन डीसी की कमान

    अमेरिका में वाशिंगटन डीसी काफी हद तक भारत की राजधानी दिल्ली की तरह है। वैसे तो अमेरिका में 50 राज्य हैं और सभी राज्यों का अपना अलग कानून है। मगर वाशिंगटन में काफी हद तक केंद्रीय कानून लागू होता है। राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते अमेरिकी संसद अगर चाहे तो वाशिंगटन डीसी के स्थानीय मुद्दों में भी दखल दे सकती है।

    कैसे बना था वाशिंगटन डीसी?

    1790 में वाशिंगटन डीसी की नींव रखी गई। मैरीलैंड और वर्जिनिया के कुछ हिस्से को मिलाकर यह पूरा शहर तैयार हुआ था। हालांकि, 1847 में वर्जिनिया का हिस्सा उसे लौटा दिया गया। वाशिंगटन में केंद्रीय कानून लागू होता है और यहां का प्रशासन सीधे संसद के अंतर्गत चलता है।

    संसद में नहीं मिली जगह

    वाशिंगटन डीसी कहने को देश की राजधानी है, जिसकी आबादी 7 लाख से अधिक है। वाशिंगटन के लोग केंद्र सरकार को टैक्स भी देते हैं, लेकिन आश्चर्य की बात है कि वाशिंगटन डीसी के अमेरिकी संसद में एक ही सीट नहीं दी गई है। संसद में वाशिंगटन के लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई नहीं है।

    1973 में अमेरिकी संसद में होम रूल अधिनियम पास हुआ, जिसके तहत वाशिंगटन को अपना खुद का मेयर चुनने की आजादी मिल गई। हालांकि, वाशिंगटन के बजट की चाबी अभी भी संसद के हाथ में थी। यही वजह है कि वाशिंगटन में लंबे समय से राज्य का दर्जा देने की मांग उठ रही है। कई लोग वाशिंगटन को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की मांग कर रहे हैं।

    कोरोना के बाद बढ़ा अपराध

    वाशिंगटन में अपराध के किस्सों का लंबा इतिहास रहा है। 90 के दशक में वाशिंगटन में 480 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि, साल 2000 के बाद वाशिंगटन में अपराधों की गिनती कम होने लगी। मगर, कोरोना महामारी के बाद वाशिंगटन एक बार फिर अमेरिका में अपराध का गढ़ बनने लगा है।

    वाशिंगटन में अपराध का एक बड़ा कारण रंगभेद माना जाता है। वाशिंगटन में 44 प्रतिशत ब्लैक और 37 प्रतिशत व्हाइट पॉपुलेशन है। वाशिंगटन में साक्षरता दर भी काफी अच्छी है और लोग आलीशान जिंदगी जीते हैं। मगर, आसपास के शहरों में आय असमानता (Income Inequality) का असर वाशिंगटन पर देखने को मिलता है, जहां दिनदहाड़े अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है।

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