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    बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर भड़के अमेरिकी सांसद, बाइडन प्रशासन से कर दी मांग

    By Agency Edited By: Sachin Pandey
    Updated: Sat, 10 Aug 2024 10:27 PM (IST)

    Bangladesh Violence बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता छोड़ने के बाद से लगातार हिंसा का दौर जारी है इसमें हिंदू समुदायों को बड़ी संख्या में निशाना बनाया जा रहा है। भारत में लगातार इसके खिलाफ आवाजें उठ रही है। अब अमरिका के भी कुछ सांसदों ने अमेरिकी सरकार से इस पर सीधे दखल करने की मांग करते हुए विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को पत्र लिखा है।

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    दो अमेरिकी सांसदों ने यूएस विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को इस मामले में लिखा पत्र। (File Photo)

    पीटीआई, वाशिंगटन। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जारी हिंसा का मुद्दा अब अमेरिका में भी उठा है। दो अमेरिकी सांसदों ने बाइडन प्रशासन से मांग की है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ समन्वित हमले को रोकने के लिए अमेरिका सीधे हस्तक्षेप करे। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार सांसदों ने कहा है कि क्षेत्र में धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा से प्रेरित अस्थिरता अमेरिका या उसके सहयोगियों के हित में नहीं है।

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    बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद नामक दो हिंदू संगठनों के अनुसार, पांच अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को 52 जिलों में हमलों की कम से कम 205 घटनाओं का सामना करना पड़ा है। हिंसा से बचने के लिए हज़ारों बांग्लादेशी हिंदू पड़ोसी देश भारत भागने की कोशिश कर रहे हैं।

    सांसद ने एंटनी ब्लिंकन को लिखा पत्र

    पीटीआई के मुताबिक विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को लिखे नौ अगस्त की तिथि वाले पत्र में अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जारी अत्याचारों के खिलाफ यह केवल उनका ही रुख नहीं है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कई लोगों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ जारी हिंसा की निंदा की है, जिनमें उनके अपने राज्य के कुछ लोग भी शामिल हैं।

    मिशिगन के सांसद श्री थानेदार ने ब्लिंकन को लिखा, 'मोहम्मद यूनुस के बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभालने के साथ, अमेरिका का यह दायित्व है कि वह हिंसा और अशांति समाप्त करने में इस नयी सरकार की सहायता करे।' उन्होंने कहा, 'मैं बाइडन प्रशासन से आग्रह करता हूं कि सताये गए बांग्लादेशी हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को शरणार्थी के रूप में अस्थायी संरक्षित दर्जा दिया जाए।'

    अमेरिकी सरकार से दखल की अपील

    वहीं, आठ अगस्त को ब्लिंकन को लिखे पत्र में एक अन्य सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि विभिन्न मीडिया खबरों में हिंदू विरोधी हमलों की प्रत्यक्षदर्शी रिपोर्ट हमलों के पैमाने को प्रदर्शित करती है। कृष्णमूर्ति का उक्त पत्र शुक्रवार को मीडिया को जारी किया गया।

    कृष्णमूर्ति ने पत्र में लिखा, 'मैं आपको यह पत्र बांग्लादेश में अस्थिर स्थिति और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद हिंदू विरोधी समन्वित हिंसा के बढ़ने को लेकर लिख रहा हूं। अब जब मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ले ली है तो यह अत्यंत आवश्यक है कि अमेरिका हिंसा को समाप्त करने और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए उनकी सरकार के साथ मिलकर काम करे।'

    मुहम्मद यूनुस बने अंतरिम सरकार के प्रमुख

    गौरतलब है कि नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मुहम्मद यूनुस ने बृहस्पतिवार को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली। ढाका में स्थित हिंदू समुदाय के नेताओं के अनुसार, शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने के बाद बांग्लादेश में हुई हिंसा में कई हिंदू मंदिरों, घरों और व्यवसायों में तोड़फोड़ की गई, महिलाओं पर हमला किया गया और हसीना की अवामी लीग पार्टी से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई।