Trump का यूृ-टर्न, उपराष्ट्रपति की पत्नी उषा वेंस नहीं करेंगी ग्रीनलैंड का दौरा; अचानक अमेरिका ने क्यों लिया ये फैसला?
Usha Vance हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने एलान किया था कि उप राष्ट्रपति जेडी वेंस की पत्नी उषा वेंस ग्रीनलैंड का दौरा करने वाली हैं। हालांकि अब ट्रंप प्रशासन ने उषा वेंस के दौरे को रद कर दिया है। उषा वेंस के साथ जेडी वेंस भी ग्रीनलैंड का दौरा करने वाले थे। ग्रीनलैंड के लोगों ने इस फैसला का विरोध किया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की नजरें ग्रीनलैंड पर हैं। ट्रंप की ख्वाहिश है कि ग्रीनलैंड (Greenland) को अमेरिका का हिस्सा बनाया जाए।
इसी बीच ट्रंप प्रशासन ने एलान किया था कि उप राष्ट्रपति जेडी वेंस की पत्नी उषा वेंस ग्रीनलैंड का दौरा करने वाली हैं। हालांकि, अब ट्रंप प्रशासन ने उषा वेंस के दौरे को रद कर दिया है। बता दें कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ,शुक्रवार को ग्रीनलैंड का दौरा करने वाले हैं।
डॉगस्लेड रेस का हिस्सा बनने वाली थीं उषा
उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की पत्नी उषा वेंस ने रविवार को एलान किया कि वह इस हफ्ते ग्रीनलैंड की राष्ट्रीय डॉगस्लेड रेस, अवन्नाटा क्यूमुसेर्सु देखने जाएंगी और देश की सुंदर भूमि, संस्कृति और परंपराओं के बारे में जानेंगी। राष्ट्रीय डॉगस्लेड रेस में 444 कुत्ते भाग लेते हैं।
डेनमार्क के पीएम ने किया था उषा के दौरे का विरोध
अमेरिका के इस फैसला का ग्रीनलैंड में जमकर विरोध हो रहा है। आशंका जताई गई है कि उषा वेंस के दौरे का भी ग्रीनलैंड के लोग विरोध करने वाले हैं। उषा वेंस की सुरक्षा के मद्देनजर ट्रंप प्रशासन ने यह फैसला लिया है।
योजना थी कि ऊषा वेंस ग्रीनलैंड की राजधानी नुउक का दौरा करेंगी। उनके साथ अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्स और अमेरिकी ऊर्जा सचिव क्रिस राइट भी जाने वाले थे। डेनमार्क के प्रधानमंत्री ने भी जेडी वेंस और उनके पत्नी के दौरे का विरोध किया है।
'मुक्त दुनिया' की रक्षा के लिए ग्रीनलैंड की आवश्यकता: ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि अमेरिका को राष्ट्रीय सुरक्षा और 'मुक्त दुनिया' की रक्षा के लिए ग्रीनलैंड की आवश्यकता है। वह किसी भी तरह ग्रीनलैंड को हासिल करना चाहते हैं। वहीं, ग्रीनलैंड सरकार का कहना है कि वो ट्रंप की ख्वाहिश को पूरा नहीं होने देंगे।
क्या है डेनमार्क का इतिहास?
बता दें कि अमेरिका ने खुद 1921 में ग्रीनलैंड पर डेनिश संप्रभुता को मान्यता दी थी। हालांकि, साल 1941 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी के डेनमार्क पर आक्रमण के बाद अमेरिका ने ग्रीनलैंड में सेना उतार दी थी। इसके बाद अमेरिकी सेना का ग्रीनलैंड में स्थायी बेस है।
साल 1946 में तत्कालीन राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर में ग्रीनलैंड को खरीदने का प्रस्ताव रखा, जिसे डेनमार्क ने अस्वीकार कर दिया। हालांकि, अमेरिका ने 1951 में उत्तरी अटलांटिक संधि के तहत डेनमार्क के साथ रक्षा समझौता करते हुए ग्रीनलैंड में पहुंच बनाए रखी।
बताते चलें कि ग्रीनलैंड का 80 फीसदी हिस्सा ग्लेशियर से ढका हुआ है। एक्सपर्ट के मुताबिक यहां अपार प्राकृतिक संसाधन मौजूद है। लौह अयस्क, सीसा, जिंक, हीरा, सोना और यूरेनियम व तेल जैसे दुनिया के दुर्लभ तत्वों मौजूद होने की संभावनाएं हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।