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    भारत में ज्यादा वोटिंग क्यों करवाना चाहता था अमेरिका? एलन मस्क ने खोली USAID की पोल; कांग्रेस पर भड़की भाजपा

    एलन मस्क का विभाग लगातार सरकारी खर्च को कम करने में जुटा है। सरकारी दक्षता विभाग ने सैकड़ों मिलियन डॉलर की विदेशी फंडिंग को रद कर दिया है। नेपाल बांग्लादेश समेत भारत की भी फंडिंग रोकी गई है। भारतीय जनता पार्टी ने जॉर्ज सोरोस का जिक्र किया और फंडिंग से उनका कनेक्शन जोड़ा। भाजपा ने 2012 में हुए एक समझौता ज्ञापन का भी हवाला दिया।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sun, 16 Feb 2025 05:32 PM (IST)
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    दिग्गज उद्योगपति एलन मस्क। ( फोटो- रॉयटर्स )

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने USAID की पोल खोल दी है। अमेरिका आर्थिक मदद के जरिए भारत में अधिक वोटिंग कराना चाहता था। यूएसएड के माध्यम से लाखों डॉलर खर्चकर भारत के चुनाव को  प्रभावित करने का प्लान था। मगर एलन मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने भारत के चुनाव से जुड़ी 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग को रद कर दिया है।

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    जो बाइडन प्रशासन ने इस फंडिंग को मंजूरी दी थी। इस फंडिंग का उद्देश्य भारत में मतदान को बढ़ाना या दूसरे शब्दों में कहें तो प्रभावित करना था। पूरे घटनाक्रम पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी प्रतिक्रिया दी। पार्टी ने जॉर्ज सोरोस का जिक्र किया और कांग्रेस पर निशाना साधा।

    भारत में मतदान बढ़ाने की खातिर अमेरिका 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग देता है। मतदान बढ़ाने के नाम पर दिया जाने वाला पैसा भारतीय चुनाव में कहां खर्च होता... किसे दिया जाता? इसके बारे में कोई खास जानकारी नहीं दी गई है। मगर अब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन इस तरह की फंडिंग को रोकने में जुटा है।

    भारत के अलावा कई अन्य देशों को मिलने वाली मदद भी ठप कर दी गई है। नेपाल और बांग्लादेश को भी अमेरिका ने झटका दिया है।

    यह चुनाव प्रक्रिया में बाहरी दखल: भाजपा

    भाजपा ने फंडिंग रद करने के मामले में प्रतिक्रिया दी। पार्टी ने इसे भारतीय चुनाव प्रक्रिया में बाहरी दखल करार दिया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमित मालवीय ने कहा कि मतदाताओं के लिए 21 मिलियन डॉलर? यह निश्चित तौर पर भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है। इससे किसे लाभ होगा? निश्चित रूप से सत्तारूढ़ दल को नहीं!

    जॉर्ज सोरोस की छाया मंडरा रही

    अमित मालवीय ने आगे कहा कि विदेशी ताकतें भारतीय संस्थानों में व्यवस्थित तरीके से घुसपैठ कर रही हैं। उन्होंने कहा कि एक बार कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार के जाने-माने सहयोगी जॉर्ज सोरोस की छाया हमारी चुनावी प्रक्रिया पर मंडरा रही है।

    जॉर्ज सोरोस से जुड़ा है संगठन

    अमित मालवीय ने कहा कि 2012 में एसवाई कुरैशी के नेतृत्व में भारत निर्वाचन आयोग ने इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था। यह संगठन जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से जुड़ा है। इसे यूएसएड वित्त पोषित करता है।

    कांग्रेस पर बोला हमला

    मालवीय ने कहा कि विडंबना यह है कि भारत के चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की पारदर्थी प्रक्रिया पर सवाल उठाने वालों को भारत के पूरे चुनाव आयोग को विदेशी ऑपरेटरों को सौंपने में कोई हिचकिचाहट नहीं हुई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने देश के हितों के विरोधियों को भारत के संस्थानों में घुसपैठ करने में मदद की है। ये घुसपैठिये हर मौके पर भारत को कमजोर करने की कोशिश करते हैं।

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