'भारत-पाकिस्तान मामले में हम दखल नहीं देंगे, लेकिन अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ', JD Vance की पाक को दो टूक
पराष्ट्रपति जे डी वेंस ने गुरुवार को एक टीवी साक्षात्कार में कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान को नियंत्रित नहीं कर सकता है लेकिन वह दोनों परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों को तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। वेंस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो के हवाले से कहा कि वाशिंगटन चाहता है कि तनाव जल्द से जल्द कम हो जाए।

पीटीआई, वाशिंगटन। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, अमेरिका ने कहा है कि वह ऐसे युद्ध में शामिल नहीं होने जा रहा है जो मूल रूप से हमारा कोई काम नहीं है। उपराष्ट्रपति जे डी वेंस ने गुरुवार को एक टीवी साक्षात्कार में कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान को नियंत्रित नहीं कर सकता है, लेकिन वह दोनों परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों को तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।
"देखिए, हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कहीं परमाणु शक्तियां आपस में टकरा न जाएं और कोई बड़ा संघर्ष न हो जाए," वेंस ने कहा,
परमाणु युद्ध को लेकर चिंतित अमेरिका
जब उनसे पूछा गया कि ट्रंप प्रशासन भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को लेकर कितना चिंतित है तो वेंस ने कहा कि हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कहीं परमाणु शक्तियां आपस में टकरा न जाएं और कोई बड़ा संघर्ष न हो जाए।
वेंस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो के हवाले से कहा कि वाशिंगटन चाहता है कि तनाव जल्द से जल्द कम हो जाए।
हम युद्ध के बीच में शामिल नहीं होने जा रहे हैं- अमेरिका
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम इन देशों को नियंत्रित नहीं कर सकते। मूल रूप से, भारत को पाकिस्तान से शिकायत है। पाकिस्तान ने भारत को जवाब दिया है। हम जो कर सकते हैं, वह यह है कि इन लोगों को थोड़ा तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास करें। लेकिन हम युद्ध के बीच में शामिल नहीं होने जा रहे हैं, जो मूल रूप से हमारा कोई काम नहीं है और इसका अमेरिका की इसे नियंत्रित करने की क्षमता से कोई लेना-देना नहीं है।
अमेरिका भारतीयों से हथियार डालने के लिए नहीं कह सकता
आगे बोले कि अमेरिका भारतीयों से हथियार डालने के लिए नहीं कह सकता। हम पाकिस्तानियों से हथियार डालने के लिए नहीं कह सकते। और इसलिए हम कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से इस मामले को आगे बढ़ाते रहेंगे। हमारी आशा और हमारी अपेक्षा यह है कि यह किसी व्यापक क्षेत्रीय युद्ध या, भगवान न करे, परमाणु संघर्ष में नहीं बदलेगा, लेकिन निश्चित रूप से, हम इन चीजों के बारे में चिंतित हैं।
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