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    चांद पर परमाणु रिएक्टर बनाएगा अमेरिका, चीन से अंतरिक्ष में प्रतिस्पर्धा

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 11:30 PM (IST)

    एएनआई के अनुसार अमेरिका 2030 तक चंद्रमा पर परमाणु रिएक्टर स्थापित करने की योजना बना रहा है। नासा के अंतरिम प्रशासक सीन डफी ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच चंद्रमा के संसाधन संपन्न हिस्से पर दावा करने के लिए दौड़ चल रही है। चंद्रमा पर बेस बनाने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होगी।

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    अमेरिका चंद्रमा पर परमाणु रिएक्टर बनाने की तैयारी कर रहा है। (फाइल फोटो)

    एएनआई, वॉशिंगटन। अमेरिका चंद्रमा पर परमाणु रिएक्टर बनाने की तैयारी कर रहा है। नासा के अंतरिम प्रशासक सीन डफी ने घोषणा की कि 2030 तक चंद्रमा की सतह पर परमाणु रिएक्टर स्थापित करने की योजना है। उन्होंने यह भी कहा कि चंद्रमा के संसाधन संपन्न हिस्से पर दावा करने के लिए अमेरिका और चीन के साथ अंतरिक्ष की नई दौड़ चल रही है। डफी ने कहा, हम चीन के साथ चंद्रमा की दौड़ में हैं।

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    चंद्रमा पर बेस बनाने के लिए हमें ऊर्जा की आवश्यकता है। इसीलिए हम अगले पांच वर्षों में चंद्रमा पर 100 किलोवाट का परमाणु रिएक्टर स्थापित करना चाहते हैं।उन्होंने कहा, चंद्रमा का एक ऐसा हिस्सा है जिस पर अमेरिका और चीन दोनों की उस पर नजर है। हम वहां पहले पहुंचना चाहते हैं।

    बर्फ और निरंतर सूर्य प्रकाश चंद्रमा के कुछ हिस्सों को स्थायी आधार स्थापित करने के लिए आदर्श बनाते हैं। ये परिस्थितियां मानव जीवन को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। डफी ने अंतरिक्ष में परमाणु सामग्री लांच करने के बारे में ¨चताओं को लेकर स्पष्ट किया कि रिएक्टर पृथ्वी से लांच करते समय सक्रिय नहीं होगा।

    पौधों की निगरानी करने वाले नासा मिशनों को बंद कर सकता है ट्रंप प्रशासन

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन अंतरिक्ष एजेंसी नासा के दो मिशनों को बंद करने की तैयारी कर रहा है। ये मिशन ग्रीन हाउस गैस और पौधों की सेहत की निगरानी से जुड़े हैं। इससे संभवत: विज्ञानियों, नीति निर्माताओं और किसानों के लिए डाटा का महत्वपूर्ण स्त्रोत बंद हो जाएगा।

    राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के 2026 के वित्तीय वर्ष के लिए बजट प्रस्ताव में आर्टिबिटिंग कार्बन आब्जर्वटरीज के लिए फंड आवंटित नहीं किया गया है। ये आब्जर्वटरीज सटीक रूप से दिखा सकते हैं कि कार्बन डाइआक्साइड कहां उत्सर्जित और अवशोषित हो रहा है और फसलों की वृद्धि कितनी अच्छी हो रही है।