ना कोई समझौता ना कोई बातचीत... कैसे ट्रंप ने 25 फीसदी टैरिफ लगाकर खोल दी राहुल गांधी के दावों की पोल?
अमेरिकी उत्पादों पर 25% शुल्क को लेकर राजनीतिक आकलन हो रहा है। विपक्ष इसे मुद्दा बनाना चाहता है लेकिन यह सरकार के पक्ष में जा रहा है। सरकार का मानना है कि ट्रंप की नाराजगी से स्पष्ट है कि ट्रेड कोई मुद्दा नहीं था। भारत ने किसानों और उद्यमियों के हितों को प्राथमिकता दी इसलिए अमेरिकी दबाव नहीं माना। ट्रंप के दावे को विपक्ष ने मुद्दा बनाया।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: भारतीय उत्पादों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 25 प्रतिशत शुल्क के राजनीतिक नफा-नुकसान भी आंके जा रहे हैं। लेकिन, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए ट्रंप कार्ड उल्टा पड़ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की इकोनमी को डेड कहा तो राहुल गांधी ने तत्काल समर्थन किया। उन्होंने कहा-मैं खुश हूं कि ट्रंप ने यह बात कही। हालांकि, उनकी ही पार्टी के शशि थरूर और राजीव शुक्ला समेत शिवसेना यूबीटी की प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे नकार दिया।
राजीव शुक्ला ने कहा कि हमारी आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी कमजोर नहीं है। अगर कोई दावा करता है कि वह हमें आर्थिक रूप से खत्म कर सकता है, तो यह शायद गलतफहमी की वजह से है। ट्रंप भ्रम में जी रहे हैं। प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। इसे मृत अर्थव्यवस्था कहना सिर्फ अहंकार या अज्ञानता का नतीजा हो सकता है।
भारत नहीं सहेगा अमेरिका का कोई दबाव
इस टैरिफ ने यह भी साबित कर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर को रुकवाने के लिए ट्रंप ने जिस ट्रेड की बात कही थी वह गलत था, क्योंकि भारत पर कई पड़ोसी देशों के मुकाबले न सिर्फ ज्यादा टैरिफ लगाया जा रहा है, पाकिस्तान से मुहब्बत दिखाकर भारत पर अभी भी दबाव बनाने की कोशिश जारी है।
हालांकि भारत के रुख से स्पष्ट है कि वह कोई दबाव नहीं सहेगा। यह भी सकारात्मक संदेश है कि अपने किसानों और उद्यमियों के हितों को प्राथमिकता पर रखते हुए भारत सरकार ने ट्रेड डील में भी अमेरिकी दबाव नहीं माना।
विपक्ष को चाहे अनचाहे भारत के इस रुख का समर्थन तो करना ही होगा।सरकार के खिलाफ लगातार मुद्दे की तलाश में रहने वाला विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर के बाद से कूटनीतिक मोर्चे पर घेराबंदी के प्रयास में है। इन प्रयासों को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के इस दावे ने बल दे दिया कि उन्होंने हस्तक्षेप कर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराया। इतना ही नहीं, यह दावा भी किया कि संघर्ष विराम की शर्तों में ट्रेड को शामिल करने से भी भारत दबाव में आया।
भारत सरकार खुलकर इस दावे को खारिज करती रही, लेकिन जिस तरह से ट्रंप अपना दावा दोहराते रहे, उससे विपक्ष के रणनीतिक एजेंडे को आक्सीजन जरूर मिला। अमेरिकी दबाव में सरकार के सरेंडर का आरोप खास तौर पर कांग्रेस ने मौजूदा मानसून सत्र के दौरान संसद में भी लगाया। इस पर लोकसभा में खुलकर स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी दावे को स्पष्ट शब्दों में खारिज किया, फिर विदेशी मंत्री एस. जयशंकर ने यही बात दोहराई।
अब जिस तरह से ट्रंप ने एक अगस्त से भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है, वह भी स्पष्ट करता है कि ऑपरेशन सिंदूर के स्थगन से कारोबार का कोई वास्ता नहीं था। ट्रंप की नाराजगी की पृष्ठभूमि स्वत: ही उस बिंदु पर ले जाती है कि अव्वल तो भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में अमेरिका के हस्तक्षेप को नहीं माना, फिर ट्रंप को दावे को भी कई मंचों पर खुलकर झुठलाया गया। इससे सरकार पहला संदेश यह देने में सफल रही कि देश की सुरक्षा के मुद्दे पर भारत कोई हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा।
इसके अलावा ट्रंप के मनमाने टैरिफ से सरकार को राजनीतिक नुकसान इसलिए भी नहीं है, क्योंकि सरकार यह संदेश जरूर देना चाहेगी कि अमेरिका की इच्छा के अनुसार मोदी सरकार ने उसके लिए कृषि और डेरी क्षेत्र नहीं खोला। किसानों के साथ ही एमएसएमई उद्यमियों के हितों को भी सर्वोपरि रखा। ऐसे में देखना होगा कि विपक्ष ट्रंप कार्ड पर अपनी रणनीति बदलता है या इसे जारी रखना चाहेगा।
राहुल ने अब डेड इकोनमी पर ट्रंप का राग छेड़ा है, जिसे बहुत समर्थन मिलना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को छोड़कर हर कोई जानता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मृत है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने देश की आर्थिक, रक्षा और विदेश नीतियों को नष्ट कर दिया है। जबकि रे¨टग एजेंसियां कह चुकी हैं कि भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली इकोनमी है। वैसे भी ट्रंप ने जिस तरह भारत के लिए शब्दों का उपयोग किया है कि वह संवेदनशील मुद्दा भी बन सकता है और राहुल का दांव उल्टा पड़ सकता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।