US-China: ताइवान में अमेरिकी युद्धपोत के पास से गुजरा चीनी जहाज, US ने दी चेतावनी; ड्रैगन ने साधी चुप्पी
यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी और कनाडाई नौसेना शनिवार को जलडमरूमध्य में एक संयुक्त अभ्यास कर रही थी। तभी चीनी जहाज अमेरिकी गाइडेड मिसाइल विध्वंसक चुंग-हून के सामने से कट गया। इसके बाद उन्हें उसे टक्कर से बचाने के लिए धीमा करना पड़ा।

वाशिंगटन, एजेंसी। चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन लगातार अमेरिका को उकसाने की कोशिश कर रहा है। इस बीच अमेरिका ने दावा किया है कि चीनी युद्धपोत ताइवान जलडमरूमध्य में अमेरिकी पोत के पास से असुरक्षित तरीके से गुजरा है।
क्या है मामला
अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने कहा कि एक चीनी युद्धपोत ताइवान जलडमरूमध्य में एक अमेरिकी विध्वंसक पोत के 150 गज (137 मीटर) के भीतर से असुरक्षित तरीके से गुजरा है। हालांकि, चीन ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड ने क्या कहा?
यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी और कनाडाई नौसेना शनिवार को जलडमरूमध्य में एक संयुक्त अभ्यास कर रही थी। तभी चीनी जहाज अमेरिकी गाइडेड मिसाइल विध्वंसक चुंग-हून के सामने से कट गया। इसके बाद उन्हें उसे टक्कर से बचाने के लिए धीमा करना पड़ा।
अमेरिकी पोत से गुजरा चीन का जहाज
यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड ने कहा कि अमेरिकी और कनाडाई नौसेना उस समय जलडमरूमध्य में नियमित रूप से अभ्यास कर रहे थे, तभी चीनी जहाज अमेरिकी पोत के सामने से असुरक्षित तरीके से कट गया। कनाडा की वेबसाइट ग्लोबल न्यूज द्वारा प्रसारित वीडियो फुटेज में जहाजों के बीच करीबी टकराव देखने को मिला है।
चीनी दूतावास ने साधी मामले में चुप्पी
हालांकि, वाशिंगटन में स्थित चीनी दूतावास ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड ने कहा कि चीनी जहाज करीब 150 गज के पास से गुजरा है और उसने अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में सुरक्षित मार्ग के समुद्री नियमों का उल्लंघन किया है।
चीनी विमान ने किया था अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र का उल्लंघन
इससे पहले अमेरिका की हिंद-प्रशांत कमान ने बीते मंगलवार को कहा था कि 26 मई को एक चीनी लड़ाकू विमान ने अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर के ऊपर अमेरिकी सैन्य विमान के पास एक गैर-आवश्यक आक्रामक युद्धाभ्यास किया।
क्या है विवाद?
बता दें कि ताइवान पहले चीन का हिस्सा था। 1949 में चीन में गृहयुद्ध हुआ तो माओत्से तुंग के नेतृत्व में कम्युनिस्टों ने चियांग काई शेक के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कॉमिंगतांग पार्टी को हरा दिया था। इसके बाद से ही चीनी सरकार ताइवान को अपने देश का हिस्सा बताती है। हालांकि ताइवान की सरकार का कहना है कि पीआरसी ने कभी भी द्वीप पर शासन नहीं किया है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि चीनी आक्रमण की स्थिति में अमेरिका ताइवान की रक्षा करेगा।
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