'ओबामा ने सही समय पर लिया होता सही फैसला तो इतिहास बन चुके होते असद'
सीरिया के पूर्वी घोउटा में हुए रासायनिक हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना आपा इस कदर खो दिया कि सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद को जानवर कहने से भी नहीं चूके।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। सीरिया के पूर्वी घोउटा में हुए रासायनिक हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना आपा इस कदर खो दिया कि सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद को जानवर कहने से भी नहीं चूके। इस हमले से गुस्साए ट्रंप ने कहा कि असद को डौमा में किए हमले की कीमत चुकानी होगी। इसको लेकर ट्रंप ने एक ट्वीट भी किया जिसमें उन्होंने लिखा कि इस हमले में कई लोग मारे गए और कई घायल हुए हैं। इसके लिए सीधेतौर पर रूस-ईरान और सीरिया जिम्मेदार हैं। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि 'जानवर असद को इसकी कीमत चुकानी होगी'। उन्होंने इस हमले को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इसको लेकर सोमवार को एक आपात बैठक भी बुलाई है। वहीं रूस ने इसको लेकर काउंसिल की अलग से बैठक बुलाने की अपील की है।आपको बता दें कि डौमा में हुए इस रासायनिक हमले में 70 लोगों की मौत हुई है। अमेरिका समेत फ्रांस ने भी इसको लेकर सीरिया को चेतावनी दी है।
पिछले वर्ष भी अप्रैल में हुआ था कैमिकल अटैक
गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी अप्रैल में ही इदलिब में रासायनिक हमला किया गया था। इस हमले में 74 लोगों की मौत हुई थी जबकि 550 से अधिक लोग घायल हुए थे। यह हमला सीरियाई सेना ने किया था। इसके बाद अमेरिका ने सीरिया के एयर बेस पर टॉमहॉक मिसाइलों से जबरदस्त हमला किया था। उस वक्त भी सीरिया की सरकार ने कहा था कि यह हमला उसने नहीं कराया है। इस बार भी सीरिया की सरकार और उसके समर्थक देश इस हमले से अपना पल्ला झाड़ते दिखाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं ताजा हमले के बाद अमेरिका और रूस एक दूसरे पर इसको लेकर आरोप लगा रहे हैं। पिछली बार की ही तरह इस बार के हमले में भी सबसे ज्यादा बच्चे मारे गए हैं। इसके बाद मरने वालों में महिलाएं शामिल हैं।
व्हाइट हैलमेट ने दी जानकारी
इस हमले की सबसे पहले जानकारी वहां पर काम कर रहे गैर सरकारी संगठन व्हाइट हैलमेट ने दी थी। उसने ट्वीटर पर इस हमले के बाद की कई दिल दहला देने वाली तस्वीरें और वीडियो भी पोस्ट की थीं। इसके बाद रॉयटर न्यूज एजेंसी ने इसकी खबर दी थी। हालांकि शुरुआती दौर में रॉयटर ने इस खबर की पुष्टि नहीं की थी। बहरहाल, इस हमले को लेकिर डोनाल्ड ट्रंप ने सीधेतौर पर जितना असद और पुतिन को कोसा है उतना ही अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी जिम्मेदार ठहराया है। ट्रंप का कहना है कि यदि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा अपने कार्यकाल में एक कदम आगे बढ़कर सीरिया में असद को जवाब देते तो यहां तक नौबत नहीं आती। उनकी निगाह इस समस्या के लिए ओबामा भी बराबर के जिम्मेदार हैं क्योंकि उन्होंने समय रहते सीरिया पर सही फैसला नहीं लिया। अपने एक ट्वीट में उन्होंने यह भी लिखा है कि यदि ओबामा सही समय पर सही फैसला ले लेते तो यह समस्या बहुत पहले हल हो गई होती और असद भी इतिहास बन गया होता।
पेंस ने किया ट्वीट
डौमा में हुए रासायनिक हमले पर अमेरिका के उप-राष्ट्रपति माइक पेंस ने भी ट्वीट कर इस हमले को पाश्विक और अमानवीय बताया है। उन्होंने भी कहा है कि जो कोई भी इसके लिए जिम्मेदार है उसे इसकी कीमत चुकानी होगी। सीरिया इन तमाम आरोपों से अपना पल्ला झाड़ रहा है। व्हाइट हैलमेट के मुताबिक यह हमला हेलीकॉप्टर से बैरल बम के द्वारा किया गया था। स्टेट टीवी की बात करें तो इसमें होम्स के टी 4 एयरबेस पर कई मिसाइलें दागते हुए दिखाया गया है। इसमें कहा गया कि यह हमला अमेरिका की तरफ से किया गया। जिस एयरबेस पर मिसाइलें दागी गई हैं वह सीरियाई सेना का एयरबेस है। इस हमले में 14 लोगों के मारे जाने की खबर है। सीरियाई वार मॉनिटरिंग ग्रुप के मुताबिक मारे जाने वाले लोग ईरानी हैं। वहीं रूस का कहना है कि सीरियाई एयरबेस पर इजरायल के एफ 15 लडाकू विमानों ने बमबारी की है। इसके अलावा एयरबेस पर आठ मिसाइलें भी दागी गई हैं, जिसमें 14 लोगों की मौत हुई है। अमेरिका ने इन तमाम रिपोर्ट्स को गलत बताते हुए इससे पल्ला झाडा है। अमेरिका ने इस हमले के बाद इराक के प्रधानमंत्री से बात की है।
रूस ने किया यूएस को आगाह
रूस ने इस हमले के बाद अमेरिका पर निशाना साधते हुए यहां तक कहा है कि यह हमला ध्यान भटकाने और आतंकियों को सुरक्षित रास्ता देने के इरादे से किया गया है। रूस की तरफ से एक बयान जारी कर यहां तक कहा है कि इस हमले को लेकर मनघडंत बातें करने और झूठ फैलाने को लेकर अमेरिका को आगाह किया गया है। रूस और सीरिया पर लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।
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