फिर धमाका करने को तैयार नॉर्थ कोरिया, अपनी न्यूक्लियर साइट पर कर रहा कंस्ट्रक्शन!
अहम बैठकों से पहले ही यॉनहॉप समाचार एजेंसी ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा है कि उत्तर कोरिया अपनी परमाणु साइट पर नई कंस्ट्रक्शन करने में लगा हुआ है।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच मई में होने वाली बैठक से पूर्व उत्तर कोरिया ने अपनी जमीन को मजबूत करना शुरू कर दिया है। इसमें तहत उत्तर कोरिया के विदेश मेंत्री री योंग हो अगले सप्ताह रूस की यात्रा पर जाने वाले हैं। इसके अलावा वह यूरोपीय संघ के अधिकारियों से मिलने ब्रसेल्स भी जाएंगे। इस यात्रा का सबसे बड़ा मकसद आपसी संबंधों को मजबूती देना और परमाणु मुद्दे पर विचारों का आदान-प्रदान करना है। उनकी इस यात्रा पर दक्षिण कोरिया नजर रखे हुए है। लेकिन इस बीच यॉनहॉप समाचार एजेंसी ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा है कि उत्तर कोरिया अपनी परमाणु साइट पर नई कंस्ट्रक्शन करने में लगा हुआ है।
खबरों का अधार यूएस की एक वैबसाइट
इन खबरों का अधार यूएस की एक वैबसाइट को बताया गया है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सैटेलाइट इमेज के मुताबिक योंगब्योन स्थित 5 मेगावाट रिएक्टर के आसपास कुछ चीजों को तबदील होते हुए दर्ज किया गया है। मीडिया में आई इस खबर के बाद एक बार फिर से इस बात की आशंका जताई जा रही है कि उत्तर कोरिया बातचीत की आड़ में कुछ और ही करने में लगा हुआ है। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब पूरी दुनिया की नजरें उस पर लगी हुई हैं। अमेरिका की सैटेलाइट्स का रुख हमेशा से ही उत्तर कोरिया की ओर लगा रहा है। इससे पहले भी इस तरह की खबर अमेरिका की तरफ से आई थी। इसका असर कहीं न कहीं आगामी वार्ता पर भी जरूर दिखाई देगा।
इसलिए की जा रही कवायद
दक्षिण कोरिया का यह भी कहना है कि दोनों नेताओं के बीच होने वाली अहम बैठक से पहले उत्तर कोरिया परमाणु मुद्दे पर अपनी सोच और जरूरत को साफ कर देना चाहता है। इसलिए ही यह कवायद की जा रही है। आपको बता दें कि ट्रंप से होने वाली अहम बैठक से पूर्व किम जोंग उन ने बीजिंग की यात्रा की थी। ट्रंप से होने वाली बैठक से पहले 27 अप्रैल को किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे की मुलाकात सीमा पर स्थित पनमुंजम गांव में होनी है। यह दोनों ही बैठकें कोरियाई प्रायद्वीप में शांति के लिए अहम भूमिका निभाने वाली हैं।
छह देशों की बैठक
इस बीच जानकारों की निगाह कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियार मुक्त बनाने के लिए छह देशों की बैठक पर भी लगी है, जो वर्षों से निलंबित हैं। जानकारों की दिलचस्पी इस बात को लेकर है कि इस बाबत छह देशों की वार्ता दोबारा शुरू होगी या नहीं। इन छह देशों में उत्तर और दक्षिण कोरिया, जापान, चीन, रूस और अमेरिका शामिल हैं। यॉनहॉप एजेंसी की मानें तो जानकार इस बात से इंकार नहीं कर रहे हैं कि कोरिया प्रायद्वीप को लेकर इन देशों की बैठकों का दौर दोबारा शुरू हो सकता है। जानकारों के मुताबिक इसको लेकर उत्तर कोरिया भी शायद पीछे न हटे और ऐसा करने पर अपनी सहमति व्यक्त करे। इस बारे में जापान की मीडिया ने यहां तक कहा है कि पिछले दिनों किम ने जो बीजिंग की यात्रा कर शी चिनफिंग के समक्ष अपनी बात रखी है उसके बाद इस सिक्स नेशन टॉक को लेकर सहमति बनी है।
जानकारों का एक मत
हालांकि जानकारों का एक मत यह भी है कि मुमकिन है कि जापान की मौजूदगी से उत्तर कोरिया खफा हो जाए। इसकी वजह ये है कि जापान काफी समय से अपने अगवा किए नागरिकों की वापसी की मांग उत्तर कोरिया से करता रहा है। वहीं इसको लेकर उत्तर कोरिया साफ इंकार कर रहा है। आपको बता दें कि छह देशों की यह वार्ता सबसे पहले 2003 में हुई थी। 2005 में वार्ता के बाद एक अहम समझौता भी हुआ था जिसमें उत्तर कोरिया को सुरक्षा की गारंटी तक दी गई थी। लेकिन वर्ष 2009 में उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु परिक्षण किए जाने के चलते इसको निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद से इस मुद्दे को लेकर इन देशों के बीच कोई वार्ता नहीं हुई।
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