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    Gun safety bill: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बंदूक नियंत्रण कानून पर किया हस्ताक्षर

    By Ashisha RajputEdited By:
    Updated: Sat, 25 Jun 2022 07:20 PM (IST)

    Gun control bill अमेरिकी सीनेट ने गुरवार रात गोलीबारी की घटनाओं पर अंकुश लागाने वाले ऐतिहासिक बंदूक सुरक्षा विधेयक को पारित किया था। अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बंदूक नियंत्रण कानून में द्विदलीय सुरक्षित समुदाय अधिनियम पर हस्ताक्षर कर दिया है।

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    यह दशक में पहला महत्वपूर्ण अमेरिकी बंदूक नियंत्रण कानून है।

    वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका में दशकों बाद बंदूक नीति में बदलाव हुआ है। शक्तिशाली गन लाबी का दबाव न मानते हुए राष्ट्रपति जो बाइडन ने सुधार संबंधी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा, अकारण हुई गोलीबारी में जिन लोगों ने अपने रिश्तेदारों को खोया है, उनके हृदय में पैदा हुई रिक्तता को नहीं भरा जा सकता। लेकिन वैसा जीवन भर भुलाया न जाने वाला कटु अनुभव अन्य परिवारों को न हो, इसके लिए प्रयास किए जा सकते हैं।

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    बाइडन ने कहा, हर घटना के बाद हमने सुना, भगवान के लिए सरकार कुछ करे जिससे ऐसी घटना दोबारा न हो। बार-बार यह वाक्य सुनने के बाद जरूरी हो गया था कि बंदूक नीति में सुधार संबंधी कदम उठाए जाएं और निर्दोषों की जान बचाई जाए-उनके रिश्तेदारों को पीड़ा से बचाया जाए। बाइडन के हस्ताक्षर किए गए प्रस्ताव को द बाइपार्टिसन सेफर कम्युनिटीज एक्ट के नाम से जाना जाएगा।

    देश का नया बंदूक नियंत्रण कानून-

    • कानून बनने के बाद केवल आत्मरक्षा के लिए बंदूक रखने का अधिकार होगा।
    • पिछले तीस साल में संघीय बंदूक कानून सुधार को लेकर अमेरिका की यह पहली सबसे बड़ी पहल है।
    • गुरवार को ही अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने न्यूयार्क बंदूक सुधार कानून को असंवैधानिक बताते हुए रद कर दिया था। 

    नए कानून में-

    नए कानून में राज्यों को अपने या दूसरों के लिए खतरा समझे जाने वाले लोगों के हाथों से बंदूकें रखने में मदद करने और अविवाहित अंतरंग भागीदारों को गाली देने के दोषी लोगों को बंदूक की बिक्री को रोकने के प्रावधान शामिल हैं। यह कानून असाल्ट-स्टाइल राइफल्स या उच्च क्षमता वाली पत्रिकाओं की बिक्री पर प्रतिबंध नहीं लगाता है। यह घरेलू हिंसा के दोषी खरीदारों को बंदूक की बिक्री पर भी नकेल कसता है।

    बंदूक नियंत्रण के नए कानून हस्ताक्षर करने के बाद, राष्ट्रपति ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अपनी आलोचना भी दोहराई। उन्होंने देश भर में गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को समाप्त करने पर कहा कि उनका प्रशासन इस बात पर ध्यान केंद्रित करने जा रहा है।