'रिश्ते तो अच्छे हैं लेकिन...', ट्रंप ने टैरिफ को लेकर भारत के लिए कही ये बात
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से अमेरिकी वस्तुओं पर लगने वाले ऊँचे टैरिफ को कम करने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों में शामिल है और यदि शुल्क में कटौती नहीं हुई तो अमेरिका भी 2 अप्रैल से पारस्परिक टैक्स लगाएगा। ट्रंप ने पीएम मोदी के साथ अच्छे संबंधों का जिक्र करते हुए IMEEC को महत्वपूर्ण बताया।
पीटीआई, न्यूयॉर्क। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उम्मीद जताई है कि भारत अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ में कटौती करेगा। उन्होंने कहा कि भारत के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध है, लेकिन वह अमेरिकी उत्पादों पर सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों में शामिल है।
ट्रंप ने इसके साथ ही अपनी उस धमकी को दोहराया भी है कि वह दो अप्रैल से भारत पर पारस्परिक शुल्क (Reciprocal Tariff) लगाएंगे। ट्रंप ने अमेरिकी न्यूज वेबसाइट ब्रेइटबार्ट न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में भारत के साथ अमेरिका के संबंधों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ पिछले महीने व्हाइट हाउस में हुई वार्ता के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के साथ उनके संबंध बहुत अच्छे हैं, लेकिन भारत के साथ इकलौती समस्या यह है कि वह दुनिया में सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों में एक है। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि वे संभवत: उन शुल्कों को काफी हद तक कम करने जा रहे हैं, लेकिन दो अप्रैल से हम उन पर उतना ही टैरिफ लगाएंगे, जितना वे हम पर लगाते हैं।"
IMEEC को लेकर ट्रंप ने क्या कहा?
भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (आइएमईसी) के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने खासतौर पर चीन का जिक्र नहीं किया, लेकिन कहा कि यह अद्भुत देशों का समूह है, जो व्यापार पर हमें नुकसान पहुंचाने वाले दूसरे देशों का मुकाबला करने के लिए एक साथ आ रहे हैं।'
ट्रंप ने मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान आइएमईसी पर हस्ताक्षर किए थे। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में ट्रंप ने कहा था कि भारत अपने टैरिफ में काफी कटौती करने पर सहमत हो गया है।
उन्होंने अपना यह दावा भी दोहराया था कि अमेरिका पर भारत बहुत अधिक टैरिफ लगाता है, जिससे वहां उत्पाद बेचना मुश्किल हो जाता है। हालांकि बीते 10 मार्च को नई दिल्ली में वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने एक संसदीय समिति को बताया था कि वार्ता अब भी जारी है और भारत-अमेरिका के बीच व्यापार शुल्क पर अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है।
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