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    पीएम मोदी से मुलाकात से पहले ट्रंप ने फोड़ा नया टैरिफ बम, बोले- जो हम पर जितना टैक्स लगाएगा, उतना ही हम लगाएंगे

    Updated: Fri, 14 Feb 2025 01:29 AM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को पारस्परिक टैरिफ नीति की घोषणा की। नई नीति से संबंधित कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद ट्रंप ने एलान किया-जो जैसा टैरिफ लगाएगा वैसा हम भी लगाएंगे। ना उससे ज्यादा और ना उससे कम। हम हर देश के टैरिफ के मुताबिक फैसला करेंगे। अधिकांश मामले में हमने देखा है कि वह हमारे उत्पादों पर ज्यादा टैक्स लगाते हैं।

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    पीएम मोदी से मुलाकात से पहले ट्रंप ने फोड़ा नया टैरिफ बम (फोटो- रॉयटर)

    जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के तकरीबन ढाई घंटे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैक्स (पारस्परिक कर) लगाने का एलान कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने चुनावी वादे के मुताबिक यह टैक्स लगाया है, जिसके तहत अमेरिका अब उन सभी देशों से होने वाले आयात पर उतना ही टैक्स लगाएगा, जितना ये देश अमेरिकी उत्पादों या सेवाओं पर लगाते हैं।

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    अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा टैक्स लगाने वाले देशों में भारत भी

    वैसे राष्ट्रपति ट्रंप का यह फैसला किसी खास देश को लेकर नहीं है, लेकिन इसका असर मेक्सिको, चीन के साथ भारत पर भी पड़ने की बात कही जा रही है। वजह यह है कि अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा टैक्स लगाने वाले देशों में भारत भी है। राष्ट्रपति ट्रंप स्वयं कई बार यह कह चुके हैं कि भारत सबसे ज्यादा टैक्स लगाने वाले देशों में है। अब देखना होगा कि मोदी और ट्रंप की मुलाकात में इस मुद्दे पर कितनी बात होती है।

    नई नीति से संबंधित कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद ट्रंप ने एलान किया-जो जैसा टैरिफ लगाएगा, वैसा हम भी लगाएंगे। ना उससे ज्यादा और ना उससे कम। हम हर देश के टैरिफ के मुताबिक फैसला करेंगे। अधिकांश मामले में हमने देखा है कि वह हमारे उत्पादों पर ज्यादा टैक्स लगाते हैं।

    भारतीय समयानुसार रात गुरुवार-शुक्रवार की रात 12.15 बजे हुए इस फैसले का व्यापक आकलन होना अभी शेष है। लेकिन माना जा रहा है कि यह दुनिया के हर देश को प्रभावित कर सकता है। इस फैसले से वैश्विक शेयर बाजार और मुद्रा बाजार में जारी अस्थिरता के और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

    चीन, कनाडा जैसे देश अमेरिकी सरकार के फैसले के खिलाफ

    ट्रंप ने कहा कि इससे अमेरिका में ब्याज दरें कम होंगी। लेकिन दुनिया के दूसरे देशों में अमेरिकी डालर के सापेक्ष स्थानीय मुद्राओं के कमजोर होने से वहां ब्याज दरों में वृद्धि होने के आसार हैं। अगर चीन, कनाडा जैसे देश अमेरिकी सरकार के फैसले के खिलाफ अपनी तरफ से ज्यादा टैक्स लगाने का फैसला करते हैं, तो यह अमेरिकी बाजार में भी महंगाई बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।

    भारत ने हाल ही में आम बजट 2025-26 में कुछ उत्पादों पर आयात शुल्क घटाने का फैसला किया है। इसमें अमेरिका से आने वाले दोपहिया वाहन व आटोमोबाइल भी हैं जिन पर शुल्क कम किया गया है। लेकिन यह अमेरिकी सरकार की मांग के मुकाबले कम कटौती है। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में भारत सरकार की तरफ से अमेरिकी मोटरसाइकिलों के आयात पर ज्यादा शुल्क लगाने की कई बार निंदा की थी।

    अमेरिका भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार देश

    अमेरिका भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार देश है। अमेरिका के साथ कारोबारी संबंधों को सुधारा नहीं गया तो भारत के निर्यात पर ज्यादा असर हो सकता है। भारतीय निर्यात की स्थिति पहले से ही कोई खास नहीं है। ऐसे में ट्रंप प्रशासन का यह कदम काफी उल्टा साबित हो सकता है।

    मोदी से ट्रंप की मुलाकात पर सबकी नजरें

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बहुप्रतीक्षित मुलाकात गुरुवार देर शाम (भारतीय समयानुसार गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात करीब दो बजे) तय है। इस मुलाकात का इंतजार भारत के बाजार, कारोबारी और उद्योग जगत के लोग भी बेसब्री से कर रहे हैं। माना जा रहा है कि द्विपक्षीय आर्थिक व कारोबारी संबंधों के सारे आयामों पर विस्तार से वार्ता होगी।

    दोनों नेताओं के बीच खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू और अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की वापसी का मुद्दा भी उठेगा। ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उनसे यह पहली मुलाकात होगी। ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक करने वाले मोदी चौथे शासनाध्यक्ष हैं। ट्रंप के साथ मोदी की दो चरणों में मुलाकात होनी है। इस दौरान भारत और अमेरिका से जुड़े हर मुद्दे पर बात होगी।

    मोदी और ट्रंप की मुलाकात में कारोबारी मुद्दे हावी रहेंगे

    खासतौर पर ट्रंप के पहले कार्यकाल में जिन क्षेत्रों में सहयोग पर सहमति बनी थी, लेकिन बाद में उन पर प्रगति नहीं हो पाई, उन पर भी दोनों नेताओं के बीच चर्चा होगी। माना जा रहा है कि मोदी और ट्रंप की मुलाकात में कारोबारी मुद्दे हावी रहेंगे। अमेरिका का व्यापार घाटा कम करने के लिए भारत की तरफ से कुछ उपायों की घोषणा भी की जा सकती है।

    भारतीय अधिकारी अमेरिका के साथ कृषि निर्यात और परमाणु ऊर्जा में निवेश के साथ-साथ इलेक्ट्रानिक्स, चिकित्सा और शल्य चिकित्सा उपकरण तथा रसायन क्षेत्र में संभावित सौदों पर भी विचार कर रहे हैं।

    गौतम अदाणी का मामला भी उठ सकता है

    ट्रंप प्रशासन भी भारत के साथ एक मजबूत रक्षा साझेदारी चाहता है, जिसमें खरीद और रक्षा अभ्यास जैसी चीजों पर आगे बढ़ना शामिल है। ट्रंप और मोदी की बातचीत में अदाणी समूह के प्रमुख गौतम अदाणी का मामला भी उठ सकता है, क्योंकि नवंबर में अमेरिकी न्याय विभाग ने कथित रिश्वतखोरी मामले में उन पर अभियोग लगाया था।

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