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    'मानवाधिकारों पर पीएम मोदी को उपदेश नहीं देंगे राष्ट्रपति जो बाइडन', US एनएसए जैक सुलिवन का बयान

    By AgencyEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Thu, 22 Jun 2023 05:06 AM (IST)

    प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को राष्ट्रपति बाइडन के साथ उच्चस्तरीय वार्ता करेंगे और इस दौरान दोनों नेता आपसी और वैश्विक हितों के व्यापक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। इस बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जैक सुलिवन ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत में मानवाधिकारों पर चिंता जता सकते हैं लेकिन वह इस मुद्दे पर भारतीय नेता को कोई ‘उपदेश’ नहीं देंगे।

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    मानवाधिकारों पर मोदी को ‘उपदेश’ नहीं देंगे बाइडन: जैक सुलिवन (फाइल फोटो)

    वाशिंगटन, पीटीआई। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जैक सुलिवन ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत में मानवाधिकारों पर चिंता जता सकते हैं, लेकिन वह इस मुद्दे पर भारतीय नेता को कोई ‘उपदेश’ नहीं देंगे।

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    अमेरिकी एनएसए ने कहा, राष्ट्रपति जता सकते हैं चिंता

    प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को राष्ट्रपति बाइडन के साथ उच्चस्तरीय वार्ता करेंगे और इस दौरान दोनों नेता आपसी और वैश्विक हितों के व्यापक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। मानवाधिकार के मुद्दे पर सुलिवन ने कहा, ‘हम ऐसा सार्वजनिक रूप से करते हैं। हम ऐसा निजी तौर पर करते हैं। हम ऐसा इस तरह से करते हैं जहां हम उपदेश देने की कोशिश नहीं करते या यह दावा नहीं करते कि खुद हमारे सामने चुनौतियां नहीं हैं... और अगले कुछ दिनों में यहां होने वाली बातचीत की यही प्रकृति होगी।’

    एक अधिकारी ने कहा, "भारत के सच्चे भागीदार और मित्र के नाते हम अपने मतभेदों के बारे में (ईमानदारी से) और रचनात्मक तरीके से बोलते हैं। हमने मानवाधिकारों व धार्मिक स्वतंत्रता की चिंताओं को वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के सामने नियमित रूप से उठाया है। यह महत्वपूर्ण है कि हम भारतीय लोकतंत्र के सभी स्तंभों का समर्थन करें।

    सांसदों ने बाइडन को लिखा था पत्र

    मंगलवार को अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने राष्ट्रपति बाइडन को लिखा था कि उन्हें मोदी के साथ चिंता वाले मुद्दों को उठाने और दोनों देशों के बीच सफल, मजबूत व दीर्घकालिक संबंधों के लिए सभी मुद्दों पर चर्चा करने को कहा।

    भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल सहित 75 सांसदों के हस्ताक्षर वाले पत्र में कहा गया कि अमेरिका-भारत के मजबूत संबंधों के समर्थक के रूप में हम यह भी मानते हैं कि दोस्तों को अपने मतभेदों पर ईमानदार और स्पष्ट तरीके से चर्चा करनी चाहिए।