अमेरिका में टिकटॉक का भविष्य कौन तय करेगा; राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप या शी जिनपिंग?
अमेरिका में ट्रंप की ताजपोशी से ज्यादा अगर किसी की चर्चा दुनियाभर में हो रही है वह टिक टॉक....। टिक टॉक एप दुनियाभर के कई देशों से बैन कर दिया गया है लेकिन अमेरिका में टिकटॉक का भविष्य एक जटिल भूराजनीतिक लड़ाई के केंद्र में है। कुछ दिन पहले टिक टॉक को प्ले स्टोर से हटा दिया थे लेकिन ट्रंप के आते ही उसकी सेवा बहाल कर दी गईं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में ट्रंप की ताजपोशी से ज्यादा अगर किसी की चर्चा दुनियाभर में हो रही है वह टिक टॉक....। टिक टॉक एप दुनियाभर के कई देशों से बैन कर दिया गया है, लेकिन अमेरिका में टिकटॉक का भविष्य एक जटिल भूराजनीतिक लड़ाई के केंद्र में है। कुछ दिन पहले टिक टॉक को प्ले स्टोर से हटा दिया था लेकिन ट्रंप के आते ही उसकी सेवा बहाल कर दी गईं।
अमेरिका में टिक टॉक का भविष्य क्या होगा
अब सवाल ये है कि अमेरिका में टिक टॉक का भविष्य क्या होगा, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई मंचों पर टिक टॉक की प्रशंसा कर चुके हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि टिक टॉक पर अमेरिका का 50 प्रतिशत स्वामित्व होना चाहिए। अमेरिका में 17 करोड़ लोग इसका उपयोग करते हैं।
माना जा रहा है कि टिक टॉक एप पर संभावित प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है, जब तक कि उसकी चीनी मूल कंपनी, बाइटडांस, अपने अमेरिकी परिचालन को नहीं बेच देती। इस बीच, बीजिंग ने इस मामले को संप्रभुता और निष्पक्षता को लेकर इसे जबरदस्ती प्राप्त करने पर कड़ा विरोध व्यक्त किया है।
ट्रंप ने कई बार टिक टॉक की प्रसंशा की
ट्रंप ने विजय रैली के दौरान अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज टिक टॉक फिर से वापस आ गया है। आप जानते हैं, मैंने टिक टॉक पर कुछ काम किया था। हमारे पास एक लड़का है, टिक टॉक जैक। वह लगभग 21 साल का है। हमने उसे काम पर रखा और मैं टिक टॉक पर चला गया। हमने युवाओं का समर्थन हासिल किया। इसलिए मैं टिक टॉक को पसंद करता हूं।
अमेरिकायों में काफी लोकप्रिय है टिक टॉक
टिक टॉक एक लोकप्रिय मंच से कहीं अधिक है। यह मनोरंजन, विपणन और यहां तक कि राजनीतिक भाषणों के लिए डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। अमेरिकियों के बीच इसका व्यापक उपयोग इसे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाता है, जहां हजारों लोग आय के लिए इस पर निर्भर हैं।
सुरक्षा चिंताओं को लेकर समस्या
राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं ने एप को नीति निर्माताओं के निशाने पर ला दिया है, जिन्हें डर है कि इसका डेटा चीनी सरकार तक पहुँच सकता है। टिक टॉक के भविष्य का समाधान इस बात के लिए एक मिसाल कायम कर सकता है कि अमेरिका अपनी सीमाओं के भीतर काम करने वाली विदेशी स्वामित्व वाली प्रौद्योगिकी कंपनियों को कैसे संभालता है। साथ ही, यह निर्णय बढ़ते तनाव के समय अमेरिका-चीन संबंधों की सीमाओं को फिर से परिभाषित कर सकता है।
अमेरिका ने बाइटडांस और चीनी सरकार द्वारा उपयोगकर्ता डेटा तक पहुंच की संभावना का हवाला देते हुए टिकटॉक को एक सुरक्षा खतरा करार दिया है। यह चिंता चीन के डेटा गोपनीयता कानूनों में निहित है, जो कंपनियों को राज्य एजेंसियों के साथ जानकारी साझा करने के लिए मजबूर कर सकती है। जबकि टिकटॉक इन दावों से इनकार करता है और बताता है कि उसका अमेरिकी डेटा अमेरिकी सर्वर पर संग्रहीत है।
टिक टॉक पर लग सकता है स्थाई प्रतिबंध
अप्रैल में द्विदलीय समर्थन से यह कानून पारित किया गया था। इसके पीछे टिक टॉक के डाटा संग्रह करने की तरीकों और चीनी सरकार के साथ खराब हो रहे संबंधों के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर उठी चिंताएं शामिल थीं।हालांकि, निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा कि वह एक कार्यकारी आदेश जारी करने की योजना बना रहे हैं, जिससे टिक टॉक की चीनी कंपनी को इस प्लेटफॉर्म पर स्थायी अमेरिकी प्रतिबंध लगने से पहले अनुमोदित खरीदार खोजने के लिए अधिक समय मिल जाएगा।
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