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    US Attack: सीरिया में अमेरिकी सैन्य बलों की बड़ी कार्रवाई, IS सरगना को मार गिराया; कई आतंकी ठिकाने ध्वस्त

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 06:58 AM (IST)

    उत्तर-पश्चिमी सीरिया में अमेरिकी सैन्य बलों ने शुक्रवार को सीरिया में आतंकी ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में आइएस का एक सरगना और दो अन्य आतंकी मारे गए। पेंटागन की सेंट्रल कमांड ने कहा अमेरिकी सेना ने अलेप्पो क्षेत्र में धिया जावबा मुस्लीह अल-हरदानी और उसके दो बेटों को मार गिराया। सेंट्रल कमांड ने कार्रवाई के बारे में बहुत कम विवरण दिया है।

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    सीरिया में अमेरिकी सैन्य बलों की बड़ी कार्रवाई, IS सरगना को मार गिराया (फोटो- रॉयटर)

     न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन। उत्तर-पश्चिमी सीरिया में अमेरिकी सैन्य बलों ने शुक्रवार को सीरिया में आतंकी ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में आइएस का एक सरगना और दो अन्य आतंकी मारे गए। पेंटागन की सेंट्रल कमांड ने कहा, अमेरिकी सेना ने अलेप्पो क्षेत्र में धिया जावबा मुस्लीह अल-हरदानी और उसके दो बेटों को मार गिराया।

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    इस तरह से किया गया ऑपरेशन

    सेंट्रल कमांड ने कार्रवाई के बारे में बहुत कम विवरण दिया है। सैन्य आतंकवाद-रोधी छापेमारी में आमतौर पर हेलीकॉप्टर से संचालित विशेष ऑपरेशन कमांडो शामिल होते हैं, जिन्हें अक्सर हमलावर विमानों और ड्रोनों की मदद दी जाती है। ऐसे अभियान ड्रोन हमलों से अधिक जोखिम भरे होते हैं क्योंकि इनमें सैनिकों को खतरा होता है।

    आईएस के आतंकी थे बड़ा खतरा

    सेंट्रल कमांड ने बयान में कहा, आइएस के ये आतंकी सदस्य अमेरिकी और गठबंधन सेनाओं के साथ-साथ नई सीरियाई सरकार के लिए भी खतरा थे। घटनास्थल पर मौजूद तीन महिलाओं और तीन बच्चों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

    पेंटागन के अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि इस मिशन में कोई अमेरिकी हताहत नहीं हुआ। यह कार्रवाई इस वर्ष आइएस के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा किया गया अपनी तरह की पहली कार्रवाई थी।

    फ्रांस में 40 साल से अधिक समय नजरबंदी में रहने के बाद आंतकी लेबनान पहुंचा

    फ्रांस में 40 साल से अधिक समय तक नजरबंदी में रहने के बाद रिहा होने वाला लेबनानी फलस्तीनी समर्थक आतंकी शुक्रवार को लेबनान पहुंचा।

    अदालत ने सुनाया यह फैसला

    74 वर्षीय जार्जेस इब्राहिम अब्दुल्ला 1982 में पेरिस में दो राजनयिकों की हत्या में संलिप्तता के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। पेरिस अपीलीय न्यायालय ने पिछले हफ्ते फैसला सुनाया कि अब्दुल्ला को इस शर्त पर रिहा किया जा सकता है कि वह देश छोड़ दे और कभी वापस न आए।

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