ईरान पर बम बरसाने के बाद ट्रंप ने बढ़ाया दोस्ती की हाथ, खामेनेई से क्या बात डील करना चाहते हैं ट्रंप?
अमेरिका ने ईरान को परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत का न्योता दिया है और समझौते पर हस्ताक्षर करने की संभावना जताई है। हालांकि, ईरान ने अभी कोई टि ...और पढ़ें

परमाणु समझौते को लेकर ईरान से बातचीत करना चाहता अमेरिका।(फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका ने ईरान को परमाणु कार्यक्रम के संबंध में बातचीत करने का न्योता दिया है। बातचीत के दौरान अमेरिका परमाणु कार्यक्रम से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर भी कर सकता है। हालांकि, बातचीत को लेकर ईरान की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
ट्रंप के सीजफायर के एलान के बाद ईरान ने कहा है कि चाहे कुछ भी हो जाए वो परमाणु कार्यक्रम जारी रखेगा। ईरान ने कहा कि अमेरिका से बातचीत करने का कोई मतलब नहीं है।
बता दें कि 22 जून की सुबह अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकाने नतांज, इस्फहान और फोर्डो पर बम बरसाए थे। इसके बाद ईरान ने अमेरिका पर हमले की खुली चेतावनी दे दी थी। ईरान ने कतर में मौजूद अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमला किया था। हालांकि, इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच सीजफायर का एलान किया था।
पेंटागन की खुफिया रिपोर्ट को खारिज करते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ने कहा है कि अमेरिकी हमले में ईरान के परमाणु संयंत्र पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं, इसे लेकर किसी संदेह की जरूरत नहीं है। ईरान दोबारा अपना परमाणु कार्यक्रम शुरू नहीं कर सकता है।
जबकि ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने कहा है कि अमेरिकी हमलों में उसके परमाणु ठिकानों को बड़ा नुकसान हुआ है लेकिन वह अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखेगा। ट्रंप ने ईरान-इजरायल के 12 दिन से जारी युद्ध के मंगलवार को खत्म होने पर संतोष व्यक्त किया, यद्यपि इस दौरान अमेरिका ने भी ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमला किया था।
ट्रंप ने अब ईरान के साथ अमेरिका के बेहतर संबंधों की उम्मीद की है। इसका संकेत देते हुए उन्होंने मंगलवार रात ईरान के तेल कारोबार को प्रतिबंधों से ढील देने का एलान किया। ट्रंप ने अगले सप्ताह परमाणु मसले पर ईरान के साथ फिर से वार्ता शुरू होने की बात कही है। बुधवार को हेग में नाटो समिट में ट्रंप ने कहा, ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के बंकर बस्टर बमों से हमले में सभी की जीत हुई है।
ट्रंप ने अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) के अंतर्गत कार्य करने वाली खुफिया एजेंसी की उस रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया है कि अमेरिका और इजरायल के हमलों से ईरान के परमाणु हथियार बनाने के कार्यक्रम को केवल कुछ महीनों के लिए झटका लगा है। इसके बाद वह फिर से पटरी पर आ जाएगा। लेकिन ट्रंप ने कहा, अमेरिका का हमला विनाशकारी था और उसने ईरानी परमाणु कार्यक्रम को बर्बाद कर दिया है।
ट्रंप ने उम्मीद जताई कि ईरान अब परमाणु कार्यक्रम नहीं चलाएगा और वह कूटनीति के जरिये सभी विवादों का समाधान करेगा। ट्रंप पहले भी कहते रहे हैं कि विशाल तेल भंडार वाले ईरान को विकास के लिए परमाणु ऊर्जा की जरूरत नहीं है।

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