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    अमेरिका ने दो रूसी तेल कंपनियों पर लगाए प्रतिबंध, क्या बंद हो गए ट्रंप-पुतिन के बीच बातचीत के सभी रास्ते?

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 06:27 AM (IST)

    राष्ट्रपति ट्रंप को उम्मीद थी कि पुतिन से मुलाकात के बाद यूक्रेनयु्द्ध को लेकर कोई हल जरूर निकलेगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। जिसके बाद ट्रंप ने रूस को प्रतिबंध की धमकी दी थी। इस कड़ी में अमेरिका ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर बड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। 

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    अमेरिका ने दो रूसी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए (फोटो- रॉयटर)

    एएफपी, वाशिंगटन। राष्ट्रपति ट्रंप को उम्मीद थी कि पुतिन से मुलाकात के बाद यूक्रेन यु्द्ध को लेकर कोई हल जरूर निकलेगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। जिसके बाद ट्रंप ने रूस को प्रतिबंध की धमकी दी थी। इस कड़ी में अमेरिका ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर बड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं।

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    इसकी जानकारी अमेरिकी वित्त मंत्री ने बुधवार को दी और कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मानते हैं कि व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन वार्ता में "ईमानदार और स्पष्वादी" नहीं थे, इसलिए रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर बड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं।

    ट्रंप ने इस बात पर निरासा व्यक्त की

    ये प्रतिबंध बुडापेस्ट में प्रस्तावित ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन के रद होने के एक दिन बाद लगाए गए हैं, जिसमें वाशिंगटन ने मॉस्को के साथ युद्ध विराम वार्ता में प्रगति न होने पर निराशा व्यक्त की थी।

    उन्होंने चेतावनी दी कि वित्त मंत्रालय युद्ध समाप्त करने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों का समर्थन करने के लिए "आवश्यक होने पर आगे की कार्रवाई करने के लिए तैयार है।

     अमेरिकी वित्त मंत्री ने कही ये बात

    आधिकारिक घोषणा से पहले फॉक्स बिजनेस से बात करते हुए, बेसेन्ट ने कहा कि यह कदम "रूसी संघ के खिलाफ हमारे द्वारा उठाए गए सबसे बड़े प्रतिबंधों में से एक है।"

    ट्रंप ने कई महीनों तक नए प्रतिबंधों को टाल रखा था

    आगे बोले कि ट्रंप ने कई महीनों तक नए प्रतिबंधों को टाल रखा है और कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि क्रेमलिन नेता के साथ बढ़ती निराशा के बावजूद वे रूसी राष्ट्रपति पुतिन को शांति के लिए राजी कर लेंगे। लेकिन ट्रंप का धैर्य पिछले गुरुवार को पुतिन से टेलीफोन पर बात करने के बाद से छह दिनों के अंतराल में ही समाप्त हो गया।

    बेसेन्ट ने फॉक्स बिजनेस को बताया कि राष्ट्रपति पुतिन ईमानदार और स्पष्ट तरीके से बातचीत की मेज पर नहीं आए हैं, जैसी कि हमने उम्मीद की थी। बेसेन्ट ने कहा कि जब अगस्त में अलास्का में दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी, तो "राष्ट्रपति ट्रंप को जब यह अहसास हुआ कि चीजें आगे नहीं बढ़ रही हैं, तो वे वहां से चले गए।"

    उन्होंने कहा कि पर्दे के पीछे बातचीत हुई है, लेकिन मेरा मानना है कि राष्ट्रपति इस बात से निराश हैं कि हम इस वार्ता में कहां हैं।

    यूरोपीय संघ ने रूस पर लगाए प्रतिबंध

    यूरोपीय संघ ने बुधवार को कहा कि वह रूस पर भी नये प्रतिबंध लगा रहा है। इनमें 2027 तक रूस से तरलीकृत प्राकृतिक गैस के आयात पर प्रतिबंध, मॉस्को द्वारा उपयोग किए जाने वाले तेल टैंकरों को काली सूची में डालना और रूसी राजनयिकों पर यात्रा प्रतिबंध शामिल हैं।

    ट्रंप ने रूस को बार-बार दी थी प्रतिबंधों की धमकी

    जनवरी में कार्यालय में लौटने के बाद से, ट्रंप ने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की धमकी बार-बार दी है, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया है, क्योंकि वह रूस के साथ साढ़े तीन साल से चल रहे युद्ध का अंत चाहते हैं।

    हंगरी में मिलने वाले थे पुतिन- ट्रंप

    ट्रंप ने पिछले सप्ताह पुतिन से बात करने के बाद युद्ध विराम समझौते की आशा जताते हुए कहा था कि दोनों नेता दो सप्ताह के भीतर बुडापेस्ट में मिलने पर सहमत हुए हैं। लेकिन अंत समय उनकी बैठक रद हो गई।