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    'जैसे युद्ध का मैदान हो', हुंडई-एलजी प्लांट पर इमीग्रेशन अधिकारियों का छापा; दक्षिण कोरिया के कई नागरिक गिरफ्तार

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 01:21 PM (IST)

    जॉर्जिया अमेरिका में हुंडई-एलजी के निर्माणाधीन प्लांट पर इमीग्रेशन अधिकारियों ने छापा मारकर 475 कर्मचारियों को हिरासत में लिया जिनमें ज्यादातर दक्षिण ...और पढ़ें

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    अधिकारियों का कहना है कि ये लोग अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे (फोटो: रॉयटर्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी के जॉर्जिया में स्थित अंडर कंस्ट्रक्शन हुंडई-एलजी प्लांट में इमीग्रेशन अधिकारियों ने छापा माकर 475 कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया। इसमें से ज्यादातक दक्षिण कोरिया के नागरिक थे। अधिकारियों का कहना है कि ये लोग अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे। ये प्लांट इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए बैटरियों की सप्लाई करने के लिए स्थापित किया जा रहा था।

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    सोशल मीडिया पर इस छापामारी के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन्स के अधिकारी वहां मौजूद कर्मचारियों को बस के सामने हाथ रखने का आदेश दे रहे हैं। इसके बाद उनकी तलाशी ली जाती है और फिर हाथ, कमर और पैर में बेड़ियां पहना दी जाती हैं। एक मजदूर ने कहा कि अधिकारी ऐसे दाखिल हुए, जैसे ये कोई वॉर जोन हो।

    अमेरिका में कोरियन कंपनियों का निवेश

    दरअसल डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संबंध खराब होते जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच 350 अरब डॉलर के निवेश संबंधी ट्रेड डील को लेकर असहमति है। ट्रंप की हरकतों से परेशान होकर दक्षिण कोरिया ने अमेरिका से आयात होने वाली वस्तुओं पर टैरिफ लगा दिया था।

    दक्षिण कोरिया ने अमेरिका में कई प्लांट बनाए हुए हैं। इन प्लांट्स से गाड़ियों और इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स का प्रोडक्शन किया जाता है। जब ट्रंप ने दक्षिण कोरिया की कंपनियों को टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, तो इससे बचने के लिए कई कंपनियों ने अमेरिका में फैक्ट्री बनाने में अरबों डॉलर इन्वेस्ट किया है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि छापे के दौरान जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वह अवैध रूप से अमेरिका में मौजूद थे और गैरकानूनी तरीके से काम कर रहे थे।

    हालांकि मजदूरों के वकील का कहना है कि ये लोग दक्षिण कोरिया से एक वीजा छूट कार्यक्रम के तहत आए थे। इसमें उन्हें बिना वीजा 90 दिन या उससे कम समय के लिए पर्यटन या बिजनेस के लिए यात्रा करने की अनुमति मिलती है। बताया जा रहा है कि जब एजेंटों ने छापा मारा, तब कर्मचारियों ने वहां से भागने की कोशिश की।

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