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डोनाल्‍ड ट्रंप की बढ़ी मुश्किलें तो उपराष्‍ट्रपति माइक पेंस पर बढ़ा उन्‍हें हटाने का दबाव, सदन में प्रस्‍ताव पास

केपिटल बिल्डिंग में हुई हिंसा के बाद माइक पेंस के ऊपर ट्रंप को सत्‍ता से हटाने का दबाव बढ़ रहा है। इस संबंध में एक विधेयक भी पास हो गया है। कई सदस्‍यों का कहना है कि ट्रंप ने अमेरिकी लोकतंत्र को खतरे में डाला है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 10:54 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 10:54 AM (IST)
डोनाल्‍ड ट्रंप की बढ़ी मुश्किलें तो उपराष्‍ट्रपति माइक पेंस पर बढ़ा उन्‍हें हटाने का दबाव, सदन में प्रस्‍ताव पास
पेंस पर बढ़ा ट्रंप को पद से हटाने का दबाव

वाशिंगटन (रॉयटर्स)। अमेरिका के केपिटल बिल्डिंग में हुई हिंसा के बाद उप राष्ट्रपति माइक पेंस के ऊपर राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता से हटाने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है। हालांकि माइक पेंस ने हाउस की स्‍पीकर नैंसी पॉलेसी की उस मांग को खारिज कर दिया है जिसमें उन्‍होंने पेंस से संविधान के 25वें संशोधन का इस्‍तेमाल करते हुए ट्रंप को हटाने की बात कही थी। पेंस ने नैंसी की मांग के जवाब में साफ कर दिया है कि वो इसका इस्‍तेमाल नहीं करेंगे। इस बीच सदन में पेंस को संविधान की शक्ति का इस्‍तेमाल करने के लिए एक प्रस्‍‍‍‍‍ताव किया गया है। इसको 205 मतों के मुकाबले 223 मत हासिल हुए हैं। इस प्रस्‍ताव को मैरीलैंड की सांसद जैमी रस्किन लाई थीं। 

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अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव स्पीकर नैंसी पेलोसी को उनकी मांग के जवाब में एक पत्र लिखकर अपनी मंशा को जाहिर कर दिया है। आपको बता दें कि इस 25वें संविधान संशोधन में कैबिनेट के सहयोग से उपराष्‍ट्रपति को ये अधिकार मिला हुआ है कि वो मौजूदा राष्‍ट्रपति को हटा सकें। इसके लिए उन्‍हें दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है। इस प्रक्रिया के दौरान जो वोटिंग होती है उसमें ये तय होता है कि राष्‍ट्रपति अपने दायित्‍वों को निभाने में असफल रहे हैं। यदि मंगलवार तक इस पर पेंस कोई फैसला नहीं लेते हैं तो बुधवार को ट्रंप के ऊपर महाभियोग चलाने के लिए वोटिंग की जाएगी। आपको यहां पर ये भी बता दें कि अमेरिकी इतिहास में आज तक संविधान के 25वें संशोधन का इस्‍तेमाल करते हुए किसी राष्‍ट्रपति को नहीं हटाया गया है। यद‍ि इसका इस्‍तेमाल किया गया तो ये भी पहली बार होगा।

गौरतलब है कि अमेरिका की प्रतिनधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने दो दिन पहले कैबिनेट और उपराष्‍ट्रपति माइक पेंस से कहा था कि ट्रंप लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। लिहाजा उन्‍हें 25वें संशोधन का इस्‍तेमाल कर हटाया जाए। इसी दौरान उन्होंने 24 घंटे बाद सदन में महाभियोग के लिए विधेयक लाने की भी बात कही थी। उनकी इस मांग पर डेमोक्रेट पार्टी के सदस्‍यों ने भी सहमति जाहिर की थी। इन सदस्‍यों का कहना था कि ट्रंप को केपिटल बिल्डिंग में हुई हिंसा का जिम्‍मेदार ठहराया जाना चाहिए और उन्‍हें पद से हटाया जाना चाहिए। इसके बाद सोमवार को ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की गई थी। आपको बता दें कि वो पहले ऐसे राष्‍ट्रपति हैं जिन्‍हें अपने कार्यकाल में दूसरी बार इस प्रक्रिया का सामना करना पड़ रहा है। नैंसी पेलोसी का कहना है कि ट्रंप ने अमेरिका और इसके सरकारी संस्थानों की सुरक्षा को गहरे खतरे में डाला है।

इस बीच कैलिफोर्निया के पूर्व गवर्नर अर्नोल्ड श्वार्जेनेगर ने यूएस कैपिटल में हुई हिंसा की तुलना नाजियों से की है। उन्‍होंने ट्रंप को नाकाम राष्‍ट्रपति बताया है। उनका कहना है कि वो इतिहास में सबसे खराब राष्‍ट्रपति के तौर पर याद किए जाएंगे।


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