'जिसे अमेरिकी एजेंसी कर रही फंडिंग, वही NGO पाकिस्तान में आतंकियों की कर रहा मदद', सांसद माइकल मैककॉल का आरोप
अमेरिकी सांसद माइकल मैककॉल ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए अमेरिकी एजेंसी (USAID) से मानवीय सहायता प्राप्त कर रहा एक अमेरिकी एनजीओ बड़े आतंकवादी संगठनों से जुड़ा है। सांसद ने एजेंसी से फंडिंग बंद करने की मांग की। (फाइल फोटो)
वाशिंगटन, एजेंसी। पाकिस्तान में स्थित एक अमेरिकी NGO आतंकियों का वित्तपोषण कर रहा है। अमेरिकी सांसद माइकल मैककॉल ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान (Pakistan Terrorist) में अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए अमेरिकी एजेंसी (USAID) से मानवीय सहायता प्राप्त कर रहा स्थित एक अमेरिकी एनजीओ बड़े आतंकवादी संगठनों से जुड़ा है।
NGO की जांच और फंडिंग बंद करने की मांग
USAID प्रशासक समांथा पावर को लिखे एक पत्र में हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के अध्यक्ष माइकल मैककॉल ने इन आरोपों की पूर्ण और गहन समीक्षा के लिए एनजीओ को फंडिंग बंद करने की मांग की। मैककॉल ने कहा कि इस तरह की फंडिंग को तुरंत बंद कर दिया जाना चाहिए और इन आरोपों की पूरी तरह से समीक्षा की जानी चाहिए।
HHRD को 1 लाख अमेरिकी डॉलर से ज्यादा की सहायता दी गई
पत्र में कांग्रेसी सांसद ने गहरी चिंता व्यक्त की कि यूएसऐड को उन्होंने आठ महीने से अधिक समय पहले इस जानकारी के बारे में बताया था कि उसकी फंडिंग एक ऐसे एनजीओ को हो रही है जो एक नामित आतंकवादी संगठनों से जुड़ा हुआ है। सांसद ने बताया कि अक्टूबर 2021 में USAID ने हेल्पिंग हैंड फॉर रिलीफ एंड डेवलपमेंट (HHRD) को 1,10,000 अमेरिकी डॉलर की फंडिंग की थी। उन्होंने कहा कि यह राशि लंबे समय तक, विस्तृत आरोपों के बावजूद दी गई।
2019 में भी की थी शिकायत
गौरतलब है कि नवंबर 2019 में भी अमेरिकी कांग्रेस के तीन सदस्यों ने एक सार्वजनिक पत्र में अनुरोध किया था कि विदेश विभाग आतंकवाद के इन कथित संबंधों की समीक्षा करे। सांसद ने कहा कि कुछ अन्य सुरक्षा एजेंसियों की मदद से इस जांच को पूरा किया जाना चाहिए।
लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े तार
एचएचआरडी (HHRD) एक अमेरिकी एनजीओ है जो पाकिस्तान में पंजीकृत है। यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के अलावा पाकिस्तान के सभी चार प्रांतों बलूचिस्तान, पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा में मौजूद है। आरोपों और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान में एचएचआरडी कार्यक्रमों के कुछ प्रायोजकों में फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FAF) शामिल है, जो आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है।