US में 1992 के बाद से इस्तेमाल नहीं किए गए ग्रीन कार्ड वापस लेने की सिफारिश मंजूर, हजारों भारतीयों को होगा लाभ
साल 1992 के बाद से इस्तेमाल नहीं किए गए परिवार और रोजगार श्रेणियों के दो लाख 30 हजार से अधिक ग्रीन कार्ड वापस लेने की सिफारिश को अमेरिका में राष्ट्रपति के सलाहकार आयोग ने मंजूरी दे दी। यह दस्तावेज अमेरिका में रह रहे प्रवासियों को जारी किया जाता है जो इस बात का प्रमाण होता है कि कार्डधारक को स्थायी रूप से देश में रहने का विशेषाधिकार दिया गया है।

वॉशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिका में राष्ट्रपति के सलाहकार आयोग ने 1992 के बाद से इस्तेमाल नहीं किए गए परिवार और रोजगार श्रेणियों के दो लाख 30 हजार से अधिक ग्रीन कार्ड वापस लेने की सिफारिश मंजूर कर ली है। इस कदम से ग्रीन कार्ड के लिए इंतजार कर रहे हजारों भारतीयों को लाभ हो सकता है। ग्रीन कार्ड को आधिकारिक स्थायी निवास कार्ड के रूप में जाना जाता है।
भारतवंशी उद्यमी अजय भुटोरिया ने दी जानकारी
यह दस्तावेज अमेरिका में रह रहे प्रवासियों को जारी किया जाता है, जो इस बात का प्रमाण होता है कि कार्डधारक को स्थायी रूप से देश में रहने का विशेषाधिकार दिया गया है। एशियाई-अमेरिकी, हवाईवासी और प्रशांत द्वीपवासी मामलों पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के सलाहकार आयोग के सदस्य और भारतवंशी उद्यमी अजय भुटोरिया ने गुरुवार को आयोग के सामने रखी गई अपनी सिफारिशों के बारे में जानकारी दी।
दो लाख 30 हजार से अधिक ग्रीन कार्ड को लिया जाएगा वापस
उन्होंने बताया कि 1992 से 2022 तक इस्तेमाल नहीं किए गए रोजगार आधारित दो लाख 30 हजार से अधिक ग्रीन कार्ड को वापस लिया जाएगा और हर वित्त वर्ष में इनमें से कुछ कार्ड को जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ये कार्ड इस श्रेणी के लिए तय एक लाख 40 हजार कार्ड की वार्षिक सीमा के अतिरिक्त होंगे।
उन्होंने कहा, अप्रयुक्त ग्रीन कार्ड वापस लेने और भविष्य में इन्हें व्यर्थ होने से रोकने का मकसद ग्रीन कार्ड आवेदन प्रक्रिया में नौकरशाही के कारण होने वाली देरी की समस्या को दूर करना और कार्ड मिलने का इंतजार कर रहे लोगों को राहत प्रदान करना है।'
भारतीयों के लिए लंबा इंतजार
कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस के अनुसार, पिछले दो दशक में परिवार-प्रायोजित ग्रीन कार्ड की प्रतीक्षा सूची में लोगों की संख्या 100 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई है। 2020 तक परिवार-प्रायोजित ग्रीन कार्ड के लिए इंतजार करने वाले करीब 42 लाख रहे।
जबकि रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड का इंतजार करने वालों की संख्या करीब 12 लाख रही। इन लोगों को ग्रीन कार्ड के लिए औसतन छह वर्ष तक इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि भारतीय आइटी पेशेवरों को ग्रीन कार्ड के लिए औसतन एक दशक से ज्यादा समय तक इंतजार करना पड़ रहा है।
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