अमेरिका ने कुख्यात आइएस-खुरासान सरगना पर घोषित किया एक करोड़ डालर इनाम, काबुल एयरपोर्ट पर हमले में था शामिल
अमेरिका ने कुख्यात आइएस-खुरासान (आइएस-के) के सरगना सनाउल्ला गफ्फारी और काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बीते साल हुए आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों से जुड़ी सूचना देने पर एक करोड़ डालर तक का इनाम देने की घोषणा की है।

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका ने कुख्यात आइएस-खुरासान (आइएस-के) के सरगना सनाउल्ला गफ्फारी और काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बीते साल हुए आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों से जुड़ी सूचना देने पर एक करोड़ डालर तक का इनाम देने की घोषणा की है। अमेरिका के रिवार्ड्स फार जस्टिस (आरएफजे) विभाग ने सोमवार को इस आशय की अधिसूचनाएं जारी कीं।
काबुल एयरपोर्ट पर हमले में शामिल था गफ्फारी
अधिसूचना के मुताबिक, 'रिवार्ड फार जस्टिस आइएस-के सरगना शहाब अल-मुहाजिर उर्फ सनाउल्ला गफ्फारी की जानकारी देने के लिए एक करोड़ अमेरिकी डालर तक के इनाम की पेशकश कर रहा है।'इसमें कहा गया कि इनाम '26 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान के काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुए आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों की जानकारी देने' के लिए भी है। आरएफजे के अनुसार, 1994 में अफगानिस्तान में जन्मा गफ्फारी आतंकी संगठन आइएस-के का मौजूदा नेता है।
इस हमले में 13 अमेरिकी सैनिक समेत 185 लोग मारे गए थे
विभाग ने बताया कि वह पूरे अफगानिस्तान में आइएस-के के सभी अभियानों को मंजूरी देने और उन पर अमल के लिए फंडिंग की व्यवस्था करने के लिए जिम्मेदार है। आरएफजे ने कहा कि अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित एक विदेशी आतंकी संगठन आइएस ने काबुल हवाई अड्डे पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी।इस हमले में कम से कम 185 लोग मारे गए थे, जिनमें 13 अमेरिकी सैनिक शामिल थे, जो नागरिकों की निकासी के अभियान में सहयोग दे रहे थे। आइएस-के के केंद्रीय नेतृत्व ने जून 2020 में गफ्फारी को संगठन का नेता नियुक्त किया था।
आरएफजे ने सोमवार को एक ट्वीट करके भी कहा कि आरएफजे को सिग्नल, टेलीग्राम, व्हाट्सएप या टिप्स लाइन के माध्यम से सूचना दें। इस आतंकी को इंसाफ के दायरे में लाने में मदद करें। एक आत्मघाती हमलावर और कुछ बंदूकधारियों ने काबुल हवाई अड्डे पर हमला किया, क्योंकि अमेरिका और अन्य देशों की सरकारों ने अपने नागरिकों और कमजोर अफगानों को मुल्क से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चला रखा था। इस हमले में 18 अमेरिकी सैनिकों सहित 150 से अधिक लोग घायल हुए थे।
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