Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ट्रंप के दावे हवा हवाई, ईरान के परमाणु स्थलों का कुछ नहीं बिगाड़ पाए अमेरिकी बम

    ऐसा माना जा रहा था कि  अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद अमेरिकी बी-2 स्टेल्थ बॉंबर ने ईरान के परमाणु ठिकानों को ध्वस्त कर दिया लेकिन एक रॉयटर की एक रिपोर्ट अनुसार अमेरिकी बी-2 स्टेल्थ बॉंबर से बरसाए गए बम ईरानी परमाणु ठिकानों का कुछ नहीं बिगाड़ पाए हैं।

    By Jeet Kumar Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 25 Jun 2025 06:30 AM (IST)
    Hero Image

    ईरान के परमाणु स्थलों का कुछ नहीं बिगाड़ पाए अमेरिकी बम (फोटो- रॉयटर)

    रॉयटर, वाशिंगटन। ऐसा माना जा रहा था कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद अमेरिकी बी-2 स्टेल्थ बॉंबर ने ईरान के परमाणु ठिकानों को ध्वस्त कर दिया लेकिन एक रॉयटर की एक रिपोर्ट अनुसार अमेरिकी बी-2 स्टेल्थ बॉंबर से बरसाए गए बम ईरानी परमाणु ठिकानों का कुछ नहीं बिगाड़ पाए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हमले में ईरान के समृद्ध यूरेनियम भंडार को समाप्त नहीं किया गया

    रॉयटर के मुताबिक, इस मामले के परिचित तीन सूत्रों ने, जिन्होंने नाम न बताने की शर्त पर बात की और रॉयटर को बताया कि हमले में ईरान के समृद्ध यूरेनियम भंडार को समाप्त नहीं किया गया, और वास्तव में यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को केवल एक या दो महीने पीछे धकेला सकता है।

    अमेरिकी सैन्य कार्रवाई पर सवाल खड़े हो सकते हैं

    यह आकलन ट्रंप के दावे का खंडन करता है जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका के हमलों ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने में सफलता प्राप्त की है। और यदि कार्यक्रम वास्तव में तीव्र हवाई बमबारी से बच गया तो इसको लेकर अमेरिकी सैन्य कार्रवाई पर सवाल खड़े हो सकते हैं।

    व्हाइट हाउस ने खुफिया रिपोर्ट को गलत बताया

    हालांकि व्हाइट हाउस ने कहा कि खुफिया रिपोर्ट को "पूरी तरह से गलत" बताया है। ट्रंप के प्रशासन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि ईरानी परमाणु सुविधाओं पर सप्ताहांत में किए गए हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट कर दिया है, जबकि ट्रंप ने पहले कहा था कि सुविधाएं नष्ट हो गई हैं।

    अमेरिकी कांग्रेस में ट्रंप के खुफिया अधिकारी देंगे ईरान हमलों का ब्योरा

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खुफिया अधिकारी सीधे तौर पर अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों को ईरान पर किए गए अमेरिकी हमले का ब्योरा देंगे। ईरान के परमाणु स्थलों पर हमले के तीन दिन बाद और कतर में अमेरिकी बेस पर ईरान के हमले के एक दिन बाद सिलसिलेवार गोपनीय जानकारियां दी जाएंगी।

    इजरायल और ईरान ने सीजफायर की घोषण की

    ट्रंप ने इंटरनेट मीडिया पर यह घोषणा की थी कि इजरायल और ईरान ने अपने संघर्ष का ''आधिकारिक अंत'' करने पर सहमति जताई है। हालांकि, यह अस्थायी संघर्ष तब बाधित हो गया जब इजरायल ने ईरान पर अपने हवाई क्षेत्र में मिसाइलें दागने का आरोप लगाया, लेकिन ट्रंप ने बाद में इसे ''प्रभावी'' घोषित किया।

    कांग्रेस में डेमोक्रेट और कुछ रिपब्लिकन ट्रंप के एकतरफा सैन्य कार्रवाई के निर्णय पर सवाल उठा रहे हैं, यह तर्क करते हुए कि उन्हें कांग्रेस से मंजूरी लेनी चाहिए थी या कम से कम हमलों के लिए अधिक औचित्य प्रदान करना चाहिए था।

    हाउस डेमोक्रेटिक लीडर हकीम जेफ्रीज ने कही ये बात

    हाउस डेमोक्रेटिक लीडर हकीम जेफ्रीज ने कहा, ''हम उनसे अपेक्षा करते हैं कि वे अमेरिकी जनता को समझाएं कि ईरान को परमाणु शक्ति बनने से रोकने के संदर्भ में परिणाम क्या थे और ट्रंप प्रशासन के पश्चिम एशिया में संभावित विनाशकारी युद्ध से बचने की योजनाएं क्या हैं, जहां हजारों अमेरिकी जीवन खतरे में है।''

    हाउस ऑफ कॉमंस और सीनेट के लिए अलग-अलग ब्रीफिंग का नेतृत्व सीआइए के निदेशक जान रैटक्लिफ और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गब्बार्ड करेंगी। साथ ही जनरल डैन केन, संयुक्त चीफ आफ स्टाफ के अध्यक्ष, और उप विदेश सचिव क्रिस्टोफर लैंडौ और स्टीव फाइनबर्ग भी शामिल होंगे।