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    Poverty Index में भारत ने हासिल की शानदार उपलब्धि, पिछले 15 सालों में 41 करोड़ लोग गरीबी रेखा से आए बाहर

    United Nation report on Indias poverty संयुक्त राष्ट्र ने जानकारी दी कि पिछले 15 सालों में भारत में लगभग 41.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आ चुके हैं। भारत सहित 25 देशों ने 15 वर्षों में वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक में सुधार किया है। भारत के अलावा कंबोडिया चीन मोरक्को सर्बिया और वियतनाम जैसे देशों में भी बढ़ी तादाद में लोग गरीबी रेखा से बाहर आ चुके हैं।

    By AgencyEdited By: Piyush KumarUpdated: Tue, 11 Jul 2023 03:42 PM (IST)
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    यूएन ने जानकारी दी कि पिछले 15 सालों में भारत में लगभग 41.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए।

    वॉशिंगटन, पीटीआइ। भारत ने गरीबी सूचकांक में एक (Poverty Index) बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र ने जानकारी दी कि पिछले 15 सालों में भारत में लगभग 41.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आ चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (OPHI) ने मिलकर वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) की रिपोर्ट जारी की है।

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    कई देशों में लोग गरीबी रेखा से बाहर आए

    इस रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि भारत सहित 25 देशों ने 15 वर्षों में वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक में सुधार किया है। भारत के अलावा, कंबोडिया, चीन, कांगो, होंडुरास, इंडोनेशिया, मोरक्को, सर्बिया और वियतनाम जैसे देशों में भी बढ़ी तादाद में लोग गरीबी रेखा से बाहर आ चुके हैं।

    गरीबी रेखा से लगातार बाहर आ रहे भारते के लोग

    संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में भारत ने जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल में भारत की आबादी 142.86 करोड़ थी। रिपोर्ट में भारत की जमकर तारीफ की गई है।

    रिपोर्ट में लिखा गया है कि भारत का प्रदर्शन काफी उल्लेखनीय है। जानकारी के मुताबिक, साल 2005-2006 के दौरान देश में लगभग 64.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे जी रहे थे। इसके बाद साल 2015-16 में ये संख्या घटकर 37 करोड़ पहुंचा और 2019-21 में ये संख्या घटकर 23 करोड़ पहुंच गया।

    शिशु मृत्यु दर में आई कमी

    शिशु मृत्यु दर में गिरावट रिपोर्ट के अनुसार, गरीबों में पोषक आहार से वंचितों की संख्या 2005-06 में जहां 44.3 प्रतिशत थी, वह 2019-21 में घटकर 11.8 प्रतिशत हो गई।

    इसके अलावा शिशु मृत्यु दर 4.5 से घटकर 1.5 प्रतिशत रह गई। इसी तरह ईंधन की कमी से खाना न पका सकने वाले गरीबों की संख्या 52.9 प्रतिशत से घटकर 13.9 प्रतिशत रह गई।

    स्वच्छता से वंचितों की संख्या 50.4 प्रतिशत से कम होकर 11.3 प्रतिशत, पेयजल से वंचितों की संख्या 16.4 से गिरकर 2.7 प्रतिशत रह गई। बिजली से वंचितों की संख्या 29 प्रतिशत से घटकर 2.1 प्रतिशत और आवास से वंचितों की संख्या 44.9 प्रतिशत से घटकर 13.6 प्रतिशत रह गई।

    2030 तक होंगे 57.5 करोड़ अत्यधिक गरीब

    संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि वर्तमान विकास लक्ष्य के अनुसार, विश्व में 2030 तक 57.5 करोड़ लोग अत्यधिक गरीब होंगे। करीब 8.4 करोड़ बच्चे स्कूल से वंचित रहेंगे। रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा हिसाब से पुरुषों और महिलाओं के बीच बराबरी में 286 वर्ष लग जाएंगे।