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    यूएन में म्यांमार के राजदूत को मारने की साजिश विफल, न्यूयार्क पुलिस ने दो लोगों को किया गिरफ्तार

    By Manish PandeyEdited By:
    Updated: Sat, 07 Aug 2021 03:05 PM (IST)

    फरवरी में सैन्य तख्ता पलट के बाद म्यांमार के राजदूत को धमकी दी गई थी। धमकी के बाद उनकी अमेरिका में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। पकड़े गए म्यांमार के नागरिक 28 वर्षीय फियो हेन हट और 20 वर्षीय ये हेंन जेव हैं।

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    संयुक्त राष्ट्र में वकालत करते हुए सेना के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई थी।

    न्यूयार्क, रायटर। संयुक्त राष्ट्र में म्यांमार के जुंटा (सैन्य शासन) विरोधी राजदूत क्वाव मो टुन की अमेरिका में हत्या करने की साजिश रची जा रही थी। इस मामले में न्यूयार्क में म्यांमार के दो नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए दोनों लोगों को काम दिया गया था कि पहले वे मो टुन को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करें। वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन पर प्राणघातक हमला कर दें । क्वाव मो टुन संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में म्यांमार के स्थायी प्रतिनिधि हैं और जुंटा के आने के बाद उन्होंने लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू की की संयुक्त राष्ट्र में वकालत करते हुए सेना के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई थी।

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    अधिकतम पांच साल की सजा का प्रविधान

    फरवरी में सैन्य तख्ता पलट के बाद म्यांमार के राजदूत को धमकी दी गई थी। धमकी के बाद उनकी अमेरिका में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। न्यूयार्क के दक्षिण जिले के अटार्नी कार्यालय ने कहा है कि पकड़े गए म्यांमार के नागरिक 28 वर्षीय फियो हेन हट और 20 वर्षीय ये हेंन जेव हैं। ये विदेशी राजनयिक पर घातक हमला करने के आरोपित हैं। इसमें अधिकतम पांच साल की सजा का प्रविधान है।

    थाईलैंड के हथियार डीलर से संपर्क                                                                        

    समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, अटार्नी कार्यालय के अदालत में दाखिल दस्तावेज में पकड़े गए दोनों लोगों ने पूछताछ में बताया है कि हमले को अंजाम देने के लिए उनसे थाईलैंड के एक हथियार डीलर ने संपर्क किया था। यही डीलर जुंटा को हथियार सप्लाई करता है। इस डीलर ने येन हट से संपर्क कर एडवांस के तौर 23 जुलाई को डालर में भुगतान भी किया।

    सैन्य शासन को संयुक्त राष्ट्र ने नहीं दी मान्यता

    उल्लेखनीय है कि म्यांमार के सैन्य शासन को संयुक्त राष्ट्र ने मान्यता नहीं दी है। इसलिए लोकतांत्रिक सरकार के चुने हुए स्थायी प्रतिनिधि क्वाव मो टुन को ही मान्यता मिली हुई है।