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    BRICS शिखर सम्मेलन पर ट्रंप का कड़ा रुख, एंटी-अमेरिकन नीतियों पर दी चेतावनी; कहा- लगेगा 10% अतिरिक्त टैरिफ

    Updated: Tue, 08 Jul 2025 06:56 AM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि यह समूह अमेरिका के हितों को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। व्हाइट हाउस ने पुष्टि की है कि ट्रंप ब्रिक्स देशों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं और अमेरिका के खिलाफ किसी भी फैसले पर सख्त कदम उठाएंगे।

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    ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पर ट्रंप का कड़ा रुख (फाइल फोटो)

    एएनआई, वाशिंगटन। ब्राजील के रियो डी जनेरियो में 6-7 जुलाई को आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा है कि ब्रिक्स समूह अमेरिका के हितों को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है, और वे ऐसा नहीं होने देंगे।

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    व्हाइट हाउस ने सोमवार को पुष्टि की कि ट्रंप ब्रिक्स देशों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं और अमेरिका के खिलाफ किसी भी तरह के फैसले पर सख्त कदम उठाएंगे।

    व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने बताया कि ट्रंप को लगता है कि ब्रिक्स अमेरिका के हितों के खिलाफ काम कर रहा है। इसलिए उन्होंने सभी संभावित कदम उठाने का संकल्प लिया है ताकि कोई भी देश अमेरिका और इसके नागरिकों का फायदा न उठा सके।

    ट्रंप ने क्या कहा?

    ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए कहा, "जो भी देश ब्रिक्स की एंटी-अमेरिकन नीतियों के साथ खड़ा होगा, उस पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगेगा। कोई अपवाद नहीं होगा।"

    ब्रिक्स सम्मेलन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ मिस्र, इथियोपिया, ईरान, यूएई और इंडोनेशिया जैसे नए सदस्य भी शामिल हुए।

    ट्रंप का मानना है कि ये देश "मजबूत नहीं हो रहे" बल्कि अमेरिका को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।

    BRICS का बयान

    ब्रिक्स अब दुनिया की लगभग आधी आबादी और 40% वैश्विक GDP का प्रतिनिधित्व करता है। व्यापार और निवेश के मामले में यह समूह दुनिया की एक-चौथाई हिस्सेदारी रखता है।

    ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों ने अपने संयुक्त बयान में कहा, "हमें एकतरफा व्यापार प्रतिबंधों, टैरिफ बढ़ोतरी और अन्य गैर-शुल्क उपायों पर गंभीर चिंता है, जो वैश्विक व्यापार को नुकसान पहुंचाते हैं।"

    बयान में WTO जैसे नियम आधारित प्रणाली को मजबूत करने और व्यापार युद्धों से बचने की अपील की गई है, ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी से बच सके।