'अमेरिका अकेला हो जाएगा', भारत पर 'ट्रंप का टैरिफ' उन्हीं पर पड़ा भारी; US की पूर्व अधिकारी ने राष्ट्रपति को दिखाया आईना
अमेरिका की पूर्व वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने ट्रंप की व्यापार नीति की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ट्रंप की 'रेसिप्रोकल टैरिफ पॉलिसी' विनाशकारी है और अमेरिका इससे अपने सहयोगी देशों को नाराज कर रहा है। रायमोंडो ने भारत पर लगाए गए टैरिफ को भी गलत बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका को यूरोप और एशिया के देशों से मजबूत आर्थिक रिश्ते बनाए रखने चाहिए।
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भारत पर ट्रंप का टैरिफ उन्हीं पर पड़ा भारी (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका की पूर्व वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की व्यापार नीति की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि ट्रंप की 'रेसिप्रोकल टैरिफ पॉलिसी' विनाशकारी है और अमेरिका इससे अपने सहयोगी देशों को नाराज कर रहा है।
हावर्ड केनेडी स्कूल के इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स में एक कार्यक्रम के दौरान रायमोंडो ने कहा, "अमेरिका अपने सभी सहयोगियों को नाराज कर रहा है। अमेरिका फर्स्ट एक बात है, लेकिन अमेरिका अकेला होना विनाशकारी नीति है।"
रायमोंडो ने ट्रंप की आलोचना की
रायमोंडो ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने भारत के साथ बड़ी गलती की है। ट्रंप सरकार ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया था, यह कहते हुए कि भारत ने व्यापार में कई रुकावटें खड़ी की हैं। साथ ही यह आरोप भी लगाया गया था कि भारत रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को परोक्ष रूप से फंड कर रहा है।
‘We’re making a big mistake with India. The Trump administration has pissed off all our allies. America First is one thing. America Alone is a disastrous policy,’ says former US Commerce Secretary Gina Raimondo pic.twitter.com/xSxx29V3dt
— Shashank Mattoo (@MattooShashank) October 27, 2025
इस पर रायमोंडो ने कहा कि ऐसी नीतियों से अमेरिका अपने ही प्रभाव को कम कर रहा है और दुनिया के मंच पर कमजोर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को यूरोप और एशिया के देशों से मजबूत आर्थिक रिश्ते बनाए रखने चाहिए, तभी वह अपनी वैश्विक ताकत कायम रख सकता है।
भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील?
उन्होंने कहा, "अगर हमारे यूरोप या दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ मजबूत रिश्ते नहीं हैं तो हम प्रभावी नहीं हो सकते। इस बीच, पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और भारत के बीच एक द्विपक्षीय व्यापार समझौता लगभग तैयार है। एक अधिकारी के अनुसार, "दोनों देशों के बीच ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बन चुकी है और अब कोई नई अड़चन नहीं है।"

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