नोबल शांति पुरस्कार पर ट्रंप की नजर, कमेटी के अध्यक्ष के बढ़ाया सस्पेंस
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार मिलने की संभावना पर संशय गहरा गया है। नॉर्वेजियन नोबेल समिति के अध्यक्ष ने कहा कि 2025 के पुरस्कार पर फैसला हो चुका है और अगले साल इजराइल-गाजा शांति समझौते पर विचार किया जाएगा। ट्रंप के बढ़ते दबाव के बीच, समिति की चिंताएं बढ़ गई हैं। नेतन्याहू ने भी ट्रंप के लिए नोबेल पुरस्कार की मांग की है।
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नोबेल शांति पुरस्कार पर ट्रंप की नजर (रॉयटर्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नोबेल शांति पुरस्कार के लिए बच्चों की तरह बिलख रहे अमेरिकी राष्ट्रपति को ये सम्मान मिलेगा या नहीं इस पर संशय और बढ़ गया है। नॉर्वेजियन नोबेल समिति के अध्यक्ष ने बताया कि 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार पर सोमवार को ही फैसला हो चुका है। उन्होंने आगे कहा कि अगले साल के पुरस्कार के लिए संभावित इजराइल-गाजा शांति समझौते पर ही विचार किया जाएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सात युद्धों को समाप्त करने का दावा करने के बाद नोबेल शांति पुरस्कार के लिए बढ़ते दबाव के बीच नॉर्वेजियन समिति चिंतित है। गाजा समझौते के साथ ही, एक और समझौता इस लिस्ट में जुड़ गया है।
पुरस्कार के लिए नामांकन 31 जनवरी को ही बंद
ब्लूमबर्ग ने स्वतंत्र नोबेल समिति के प्रमुख जोर्गेन वाटने फ्राइडनेस द्वारा नॉर्वेजियन टैब्लॉइड वीजी को दिए गए इंटरव्यू के हवाले से बताया कि इस साल का फैसला सोमवार को अंतिम रूप दिया गया।
पब्लिक ब्रॉडकास्टर एनआरके से बात करते हुए, उन्होंने साफ किया कि मिडिल ईस्ट शांति के किसी भी संभावित समझौते पर अगले साल के पुरस्कार के लिए ही विचार किया जाएगा। इस साल के पुरस्कार के लिए नामांकन 31 जनवरी को बंद हो गए।
बराक ओबामा को 2009 में मिला नोबेल शांति पुरस्कार
गौरतलब है कि बराक ओबामा को 2009 में यह सम्मान मिला था, राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्यकाल के कुछ ही महीनों बाद। हालांकि, ट्रंप ने गुरुवार को संकेत दिया कि समिति उन्हें यह पुरस्कार न देने का कोई कारण ढूंढ लेगी।
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता, मार्को आपको बताएंगे कि हमने सात युद्ध सुलझा लिए हैं। हम आठवें को सुलझाने के करीब हैं। मुझे लगता है कि हम रूस के मामले को सुलझा लेंगे। मुझे नहीं लगता कि इतिहास में किसी ने इतने सारे मामले सुलझाए हैं।"
नॉर्वे क्यों चिंतित है?
नॉर्वे ट्रंप और उनकी टीम के भारी दबाव के कारण चिंतित है, जो इस पुरस्कार के लिए आक्रामक रूप से पैरवी कर रहे हैं। ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की है कि वह इस पुरस्कार के हकदार हैं, जबकि उनके बेटे एरिक और व्हाइट हाउस ने इस अभियान को ऑनलाइन प्रमोट करके इसे एक राजनीतिक तमाशा बना दिया है।
नेतन्याहू ने भी ट्रंप के लिए नोबेल पुरस्कार की मांग की
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ट्रंप के लिए नोबेल पुरस्कार की मांग की। उन्होंने X पर पोस्ट किया, "@realDonaldTrump को नोबेल शांति पुरस्कार दें - वह इसके हकदार हैं!"
Give @realDonaldTrump the Nobel Peace Prize - he deserves it! 🏅 pic.twitter.com/Hbuc7kmPt1
— Prime Minister of Israel (@IsraeliPM) October 9, 2025
इस दबाव ने ओस्लो को एक अजीब स्थिति में डाल दिया है, क्योंकि नोबेल समिति स्वतंत्र रूप से काम करती है। पर्यवेक्षकों को डर है कि ट्रंप को पुरस्कार देने से इनकार करने से कूटनीतिक तनाव या वाशिंगटन की ओर से तीखी प्रतिक्रिया हो सकती है।
नॉर्वे और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत
स्कैंडिनेवियाई देश अमेरिका के साथ एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है, जिसमें उसके निर्यात पर 15% टैरिफ से राहत की मांग की जा रही है, जबकि व्यापार मंत्री सेसिली मायर्सेथ वाशिंगटन में अधिकारियों से मिल रही हैं। ऐसी भी चिंताएं हैं कि ट्रंप नॉर्वे के 2 ट्रिलियन डॉलर के सॉवरेन वेल्थ फंड को निशाना बना सकते हैं, जिसका लगभग 40% अमेरिका में निवेशित है।
इस बीच, ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री एस्पेन बार्थ ईड ने जोर देकर कहा कि नोबेल समिति के फैसलों को प्रभावित करने में नॉर्वे सरकार की कोई भूमिका नहीं है।
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