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    'नहीं तो 100% टैरिफ लगा दूंगा', ट्रंप ने रूस और चीन के साथ भारत को दी खुली धमकी

    By Agency Edited By: Sachin Pandey
    Updated: Sun, 01 Dec 2024 08:38 AM (IST)

    Donald Trump Warns BRICS डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले ही कई बड़े फैसले लेने के संकेत दिए हैं लेकिन उनका हालिया एलान भारत के लिए चिंता बढ़ाने वाला है। शनिवार को उन्होंने ब्रिक्स देशों को खुली चेतावनी देते हुए 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी है। गौरतलब है कि इस समूह में भारत भी शामिल है। पढ़ें ट्रंप ने क्या कहा।

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    ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को डी-डॉलराइजेशन के खिलाफ चेतावनी दी है। (File Image)

    पीटीआई, वाशिंगटन। अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति ने शपथ लेने से पहले ही अपनी नई चेतावनी से भारत की चिंता बढ़ा दी है। उन्होंने ब्रिक्स देशों को खुली धमकी देते हुए कहा कि अगर अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने या उसे बदलने का प्रयास किया गया तो वह इन देशों पर 100% टैरिफ लगा देंगे। गौरतलब है कि ब्रिक्स नौ देशों का समूह है, जिसमें भारत भी शामिल है।

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    भारत के इलावा समूह में चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात सदस्य देश हैं। 2009 में गठित ब्रिक्स एकमात्र प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समूह है, जिसका संयुक्त राज्य अमेरिका हिस्सा नहीं है। हाल के वर्षों में इसके कुछ सदस्य देश, विशेष रूप से रूस और चीन, अमेरिकी डॉलर का विकल्प तलाश रहे हैं या अपनी खुद की ब्रिक्स करेंसी बनाना चाहते हैं। भारत अब तक इस कदम का हिस्सा नहीं रहा है।

    अमेरिकी अर्थव्यवस्था में बिजनेस को अलविदा कहना पड़ेगा: ट्रंप

    शनिवार को ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को इस तरह के कदम के खिलाफ चेतावनी दी। डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, 'यह विचार कि ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि हम खड़े होकर देखते हैं, खत्म हो चुका है।' ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा, 'हमें इन देशों से यह प्रतिबद्धता चाहिए कि वे न तो नई ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे, न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे, अन्यथा उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा और उन्हें अद्भुत अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अपनी बिक्री को अलविदा कहना पड़ेगा।'

    ट्रंप ने कहा कि वे कोई और मूर्ख ढूंढ सकते हैं! इस बात की कोई संभावना नहीं है कि ब्रिक्स अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर की जगह ले लेगा और जो भी देश ऐसा करने की कोशिश करेगा, उसे अमेरिका को अलविदा कह देना चाहिए। गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका में 2023 के शिखर सम्मेलन में, ब्रिक्स देशों ने एक नई आम मुद्रा की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए प्रतिबद्धता जताई थी।

    ब्राजील ने रखा था प्रस्ताव

    इस संबंध में ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा द्वारा एक प्रस्ताव रखा गया था। ब्रिक्स के एक महत्वपूर्ण स्तंभ भारत ने कहा है कि वह डी-डॉलराइजेशन के खिलाफ है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कॉर्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में अपनी उपस्थिति के दौरान कहा था, 'मुझे लगता है कि आपने हमें किसी और के साथ भ्रमित कर दिया है, क्योंकि हमने कभी भी डॉलर को सक्रिय रूप से लक्षित नहीं किया है। यह हमारी आर्थिक नीति या हमारी राजनीतिक या हमारी रणनीतिक नीति का हिस्सा नहीं है। कुछ अन्य लोगों ने ऐसा किया हो सकता है।'

    उन्होंने कहा, 'मैं आपको जो बताऊंगा, वह एक स्वाभाविक चिंता है। हमारे पास अक्सर ऐसे व्यापारिक साझेदार होते हैं, जिनके पास लेने के लिए डॉलर नहीं होते हैं। इसलिए, अब हमें यह देखना होगा कि क्या हम उनके साथ लेन-देन छोड़ देते हैं या हम कोई ऐसा समझौता करते हैं जो अन्यथा काम करता है। इसलिए, मैं कह सकता हूं कि व्यापार में डॉलर के संबंध में कोई दुर्भावनापूर्ण इरादा नहीं है। हम अपना व्यवसाय करने की कोशिश कर रहे हैं।'

    कभी-कभी डॉलर में व्यापार करना होता है मुश्किल: जयशंकर

    विदेश मंत्री ने इस साल 1 अक्टूबर को कहा, 'कभी-कभी आप डॉलर के उपयोग को मुश्किल बना देते हैं। हमारे कुछ व्यापारिक साझेदार हैं, जिनके साथ आपकी नीतियों के कारण डॉलर में व्यापार करना मुश्किल हो जाता है। हमें स्पष्ट रूप से समाधान तलाशने होंगे, लेकिन हमारे लिए, जैसा कि हमने पुनर्संतुलन के बारे में बात की। हमने कई बातों के बारे में बात की। जाहिर है कि यह सब मुद्राओं और आर्थिक जरूरतों पर भी प्रतिबिंबित होने वाला है।'