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    'इतनी मौतें होंगी कि सोचा भी नहीं होगा', ट्रंप के इस फैसले पर संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता

    USAID Funding Row ट्रंप प्रशासन ने यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) की अधिकांश विदेशी सहायता को बंद कर दिया है। ट्रंप प्रशासन के फैसले पर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जाहिर की है। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (OCHA) के प्रमुख टॉम फ्लेचर ने अनुमान लगाया कि दुनिया भर में 300 मिलियन (30 करोड़) या उससे अधिक लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है।

    By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 13 Mar 2025 11:12 AM (IST)
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    USAID Funding Row: यूएसएड द्वारा मिलने वाली सहायता पर रोक लगाए जाने पर यूएन ने चिंता जताई।(फोटो सोर्स: रॉयटर्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  दुनिया भर में विकास और मानवीय सहायता कार्यक्रम चलाने वाली यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) की अधिकांश विदेशी सहायता को बंद कर दिया गया है। वहीं, इस संस्था में काम करने वाले सैकड़ों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।

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    यूएसएड 120 देशों में महामारी से लड़ने, बच्चों को शिक्षा और साफ पानी उपलब्ध कराने वाली परियोजनाओं को फंडिंग करता है। फंडिंग बंद हो जाने का मतलब है कि लाखों लोगों पर इसका सीधा असर पड़ेगा। संयुक्त राष्ट्र ने भी फंडिंग पर रोक लगाए जाने के फैसले पर चिंता जाहिर की।

    '30 करोड़ से ज्यादा लोगों को मानवीय सहायता की जरूरत'

    संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (OCHA) के प्रमुख टॉम फ्लेचर ने अनुमान लगाया कि दुनिया भर में 300 मिलियन (30 करोड़)  या उससे अधिक लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है। USAID की फंडिंग बंद होने से करोड़ों लोगों का तगड़ा झटका लगेगा। वहीं, सहायता बंद हो जाने की वजह से कई लोगों की जान भी जा सकती है।

     टॉम फ्लेचर ने कहा कि हम अमेरिकी वित्तपोषण पर अत्याधिक निर्भर रहते हैं। फंडिंग बंद हो जाने की वजह से हमें यह निर्णय लेने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है कि हम किन लोगों की किन लोगों की नहीं।

     संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया था कि 2025 में मानवीय सहायता के लिए 47.4 बिलियन डॉलर की आवश्यकता होगी, हालांकि यह राशि केवल 190 मिलियन जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए ही पर्याप्त है।

    उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया था कि 2025 में मानवीय सहायता के लिए 47.4 बिलियन डॉलर की आवश्यकता होगी, हालांकि यह राशि केवल 190 मिलियन जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए ही पर्याप्त है।

    ट्रंप प्रशासन ने USAID को क्यों किया बंद?

    ट्रंप प्रशासन ने बुधवार को कहा कि वह यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) के 90 प्रतिशत से अधिक विदेशी सहायता अनुबंधों को खत्म कर रहा है और दुनिया भर में कुल 60 अरब डॉलर की अमेरिकी सहायता को बंद कर रहा है। अमेरिकी विदेश विभाग ने पिछले सप्ताह कहा कि वह यूएसएआईडी के 83 प्रतिशत अनुबंधों को समाप्त कर देगा।

    राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि अमेरिकी करदाताओं का पैसा विदेशी लोगों पर क्यों खर्च किया जाए? अगर खर्च करना ही है तो इसे अमेरिका में अपने लोगों पर किया जाए। वह कई बार खुलकर यूएसएड को बंद करने की बात कह चुके हैं। उनका कहना है कि यूएसएड करदाताओं के पैसे का सही इस्तेमाल नहीं है। 

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