'ट्रंप ने टॉयलेट में बहा दी वर्षों की मेहनत', सिडनी कमलागर की अमेरिकी राष्ट्रपति को खरी-खरी
अमेरिकी सांसद सिडनी कमलागर-डोव ने राष्ट्रपति ट्रंप की भारत नीति की आलोचना करते हुए कहा कि इससे रणनीतिक भरोसे को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि ट्रं ...और पढ़ें

डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद सिडनी कमलागर-डोव। (एएनआई)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका की एक सांसद ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की भारत के प्रति नीतियां रणनीतिक भरोसे और पारस्परिक समझ को 'वास्तविक व स्थायी नुकसान' पहुंचा रही हैं। अगर उन्होंने अपनी नीति में बदलाव नहीं किया, तो वह भारत को गंवा देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को हुए नुकसान को कम करने के लिए अमेरिका को बेहद तत्परता से कदम उठाने चाहिए।
कैलिफोर्निया से डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद सिडनी कमलागर-डोव ने कहा, '..अधिक साफ तरीके से कहा जाए तो ट्रंप ने भारत को दूर कर दिया है, जबकि रूसी साम्राज्य को सशक्त किया है। उन्होंने ट्रांस-अटलांटिक गठबंधन को तोड़ा है और लातिन अमेरिका को खतरे में डाला है। ऐसी विरासत पर किसी भी राष्ट्रपति को गर्व नहीं होना चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'जब इतिहास की किताबें लिखी जाएंगी और बताया जाएगा कि भारत के प्रति ट्रंप की शत्रुता कहां से शुरू हुई, तो वे उस चीज की ओर इशारा करेंगी जिसका हमारे दीर्घकालिक रणनीतिक हितों से कोई लेना-देना नहीं है। यह है नोबेल शांति पुरस्कार के लिए उनका व्यक्तिगत जुनून। यह भले ही हास्यास्पद हो, लेकिन इससे होने वाले नुकसान को बिल्कुल भी हल्के में नहीं लिया जा सकता।'
50 प्रतिशत टैरिफ से नेतृत्व स्तर की बैठकें पटरी से उतरीं
कमलागर-डोव संसद की दक्षिण और मध्य एशिया विदेश मामलों की उप-समिति की बैठक में 'यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप: सिक्योरिंग अ फ्री एंड ओपन इंडो-पैसिफिक' विषय पर संबोधन दे रही थीं। उन्होंने भारत के प्रति ट्रंप की नीतियों की आलोचना की। इनमें भारत पर दुनिया में सबसे अधिक 50 प्रतिशत शुल्क और एच-1बी वीजा पर एक लाख डॉलर का शुल्क लगाना शामिल है।
बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिका में रहने और काम करने के लिए एच-1बी वीजा का उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने से दोनों देशों के बीच नेतृत्व-स्तर की बैठकें प्रभावी रूप से पटरी से उतर गईं। वार्षिक क्वाड शिखर सम्मेलन अनिश्चित काल के लिए टाल दिया गया है। इससे हमारे सहयोगियों और चीन को वैश्विक मंच पर हमारे सबसे जरूरी हितों से पीछे हटने का खतरनाक संकेत मिला है।
पुतिन-मोदी की दिखाई सेल्फी, कहा- यह तस्वीर हजार शब्द के बराबर
हालिया भारत यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चर्चित कार सेल्फी दिखाते हुए कमलागर-डोव ने कहा कि यह तस्वीर बहुत कुछ कहती है। उन्होंने कहा, ''जबरदस्ती करने वाले साझीदार होने की एक कीमत होती है। और यह तस्वीर हजार शब्दों के बराबर है। आप अमेरिकी रणनीतिक साझीदारों को हमारे दुश्मनों की गोद में धकेलकर नोबेल शांति पुरस्कार नहीं जीत सकते।''
ट्रंप ने टॉयलेट में बहा दी वर्षों की मेहनत
कमलागर-डोव ने कहा, 'दोनों पार्टियों की सरकारों ने लगातार दोनों देशों के बीच भरोसा कायम करने और सहयोग गहरा करने के लिए वर्षों तक कड़ी मेहनत की है।
इस वर्ष की शुरुआत में ट्रंप ने जब पद संभाला, तो बाइडन प्रशासन ने उन्हें एक ऐसा द्विपक्षीय रिश्ता सौंपा जो सबसे अच्छी स्थिति में था, एक मजबूत क्वाड, एक उभरती हुई रक्षा प्रौद्योगिकी साझेदारी और एक भरोसेमंद आपूर्ति श्रृंखला साझीदार। ये कड़ी मेहनत से हासिल की गई उपलब्धियां और दोनों देशों के रणनीतिक अनुशासन का नतीजा थीं। लेकिन ट्रंप ने निजी शिकायतों के लिए और राष्ट्रीय हितों की कीमत पर अमेरिका की दशकों में बनाई गई पूंजी टॉयलेट में बहा दी।'
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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