'ईरान पर हिरोशिमा और नागासाकी जैसा हमला...', तो इस वजह से समाप्त हुआ Israel-Iran संघर्ष? ट्रंप के दावे से मची खलबली
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दावा कर रहे हैं कि अमेरिका ने ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोक दिया है। उन्होंने कहा कि 22 जून को अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बमबारी की, जिससे ईरान का परमाणु सपना अधूरा रह गया। ट्रंप ने इस हमले की तुलना हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए हमलों से की। हालांकि, ईरान का मानना है कि ठिकानों को नुकसान हुआ है, लेकिन वे पूरी तरह नष्ट नहीं हुए हैं। अमेरिका को भी नुकसान का पूरा आकलन नहीं है और इजरायल के आकलन का इंतजार है।

ट्रंप ने कहा कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर हुए हमले हिरोशिमा नागासाकी जैसा।(फोटो सोर्स: जागरण ग्राफिक्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Trump) लगातार यह दावा कर रहे हैं कि अमेरिका ने ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोक दिया है। ट्रंप ने दावा किया कि 22 जून की सुबह अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकाने, नतांज, इस्फहान औ फोर्डो पर बम बरसाए, जिसकी वजह से ईरान का परमाणु हथियार बनाने का सपना अधूरा रह गया है।
हालांकि, ईरान का मानना है कि बेसक अमेरिका के हमले से परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन परमाणु संयंत्र पूरी तरह नष्ट नहीं हुआ है।
यह हमला हिरोशिमा और नागासाकी जैसा: ट्रंप
इसी बीच बुधवार को हेग में नाटो शिखर सम्मेलन में ट्रंप ने ईरान पर अमेरिकी हमलों की तुलना दूसरे विश्व युद्ध में हिरोशिमा और नागासाकी पर बमबारी से कर दी है।
ट्रंप ने कहा कि मैं हिरोशिमा का उदाहरण नहीं देना चाहता, मैं नागासाकी का उदाहरण नहीं देना चाहता, लेकिन अमेरिका द्वारा तीन परमाणु ठिकानों पर हुए हमले के बाद ही युद्ध समाप्त हुआ।
अमेरिकी संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष डैन केन ने कहा कि जांच से हमें पता चला है कि परमाणु स्थलों को गंभीर क्षति और विनाश हुआ है, लेकिन अंतिम आकलन में समय लगेगा।
बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जो बमबारी हुई, उसका उद्देश्य जापान को बिना शर्त आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करना था।
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका हमले से ईरान को कितना नुकसान पहुंचा है इसा वास्तव में अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी को पता नहीं है और आगे कहा कि ईरान की सुविधाओं को हुए नुकसान का पूरा आकलन इजरायल द्वारा आकलन दिए जाने के बाद ही किया जा सकेगा।
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